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रांची/डेस्क: बिहार में वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम अब अंतिम चरण में पहुंच गया है. चुनाव आयोग अब अपनी सर्व प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है. आयोग के अनुसार, बूथ-स्तर की मतदाताओं की सूचियां में मृत मतदाताओं, ऐसे मतदाता जो स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं, इसकी जानकारी राजनीतिक दलों के साथ 20 जुलाई को वह साझा कर चुका है ताकि अगर उसमें भी कोई त्रुटि रह गयी हो तो उसे इंगित करा सकें.
एसआईआर आदेश के अनुसार, कोई भी मतदाता या कोई भी राजनीतिक दल 1 सितंबर, 2025 तक किसी भी लापता नाम के मामले में दावा दायर कर सकता है या किसी गलत समावेश के मामले में आपत्ति उठा सकता है. आयोग के अनुसार, 99% मतदाता पहले ही कवर किए जा चुके हैं.
- बीएलओ/बीएलए ने 21.6 लाख मृत मतदाताओं के नाम रिपोर्ट किए हैं.
- बीएलओ/बीएलए ने 31.5 लाख मतदाताओं के नाम रिपोर्ट किए हैं जो स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं.
- बीएलओ/बीएलए ने पाया है कि 7 लाख मतदाता एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं.
- स्थानीय बीएलओ/बीएलए के अनुसार, 1 लाख मतदाता का पता नहीं लगाया जा सका है.
- स्थानीय बीएलओ/बीएलए द्वारा घर-घर जाकर दौरा करने के बावजूद, 7 लाख से कम मतदाताओं के फॉर्म अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं.
- 7.21 करोड़ मतदाताओं (91.32%) के फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज़ किए जा चुके हैं; इन सभी मतदाताओं के नाम प्रारूप मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे.
अब प्रारूप मतदाता सूची 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित की जाएगी, और इसकी मुद्रित और डिजिटल प्रतियां सभी 12 राजनीतिक दलों को प्रदान की जाएंगी. प्रारूप मतदाता सूची वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी.