संतोष श्रीवास्तव/न्यूज 11 भारत
पलामू /डेस्क: पलामू जिले के पिपराटॉड थाना क्षेत्र में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. एक किडनैपिंग कॉल ने बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध डोडा (अफीम का उप-उत्पाद) तस्करी के गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है. पुलिस ने इस कार्रवाई में लगभग 3 क्विंटल 14 किलोग्राम अवैध डोडा, ₹32.90 लाख नगद और चार वाहन जब्त किए हैं.
इस अभियान के तहत कुल आठ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है.
इनमें पंजाब के चार तस्कर शामिल हैं, साथ ही स्थानीय डब्लू यादव, उसके दो पुत्र पिंटू कुमार यादव और रिंकू कुमार, और एक सहयोगी भी गिरफ्तार हुए हैं. पुलिस ने डोडा के कारोबार से जुड़ी डायरी और मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं, जो आगे की जांच में महत्वपूर्ण साबित होंगे.
कैसे खुला डोडा तस्करी का राज राज?
पलामू के एसपी ने बताया कि इस पूरे मामले का खुलासा एक किडनैपिंग कॉल से हुआ. पंजाब से एक महिला ने एसपी के मोबाइल पर फोन कर बताया कि उसके भाई को अगवा कर लिया गया है और ₹10 लाख की फिरौती मांगी जा रही है. उसने यह भी बताया कि ₹7 लाख 50 हज़ार की राशि पिंटू कुमार के अकाउंट में भेज दी गई है.
पुलिस की कार्रवाई और साजिश का खुलासा:
इस सूचना के आलोक में, पलामू एसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया. जांच के दौरान यह पता चला कि बड़े पैमाने पर अवैध अफीम/डोडा का कारोबार किया जा रहा था. जब पुलिस ने और गहराई से जांच की, तो यह खुलासा हुआ कि जिन लोगों के अपहरण की बात कही जा रही थी, वे भी इस अवैध कारोबार में शामिल थे...
डब्लू यादव और उसके दोनों बेटों पिंटू कुमार यादव और रिंकू कुमार ने मिलकर अधिक पैसे के लालच में हरमीत और सतबीर (कथित तौर पर अगवा किए गए व्यक्ति) को नज़रबंद कर रखा था और उनके घरवालों से फिरौती की मांग कर रहे थे. पिंटू के अकाउंट में ₹7.5 लाख की राशि आ भी चुकी थी, जिसे पुलिस ने तुरंत फ्रीज कर दिया है.
स्थानीय पुलिस की संलिप्तता और आगे की जांच:
एसपी को इस मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई की कुछ पुलिस की संरक्षण में सारा काम हो रहा है
एसपी ने यह भी बताया कि इस मामले में कुछ स्थानीय पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी सामने आई है. इसकी जांच के लिए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है. यह दर्शाता है कि यह अवैध कारोबार स्थानीय स्तर पर भी गहराइयों तक फैला हुआ था.