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रांची/डेस्क: उत्तर प्रदेश की एक बड़ी महत्वाकांक्षी परियोजना, गंगा एक्सप्रेस-वे का अब विस्तार किया जाएगा. पहले यह एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा बन रहा था, लेकिन अब इसे हरिद्वार तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया हैं. इस विस्तार में 110 से 150 किलोमीटर का नया 6-लेन हाईवे शामिल होगा. इसका सर्वे कार्य पूरा हो चुका है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही हैं.
यह विस्तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच संपर्क में सुधार लाएगा. साथ ही यह धार्मिक पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगा. मेरठ से मुजफ्फरनगर और रुड़की होते हुए हरिद्वार तक जाने वाला यह नया खंड चार धाम यात्रा से जुड़ जाएगा, जिससे धार्मिक यात्रियों के लिए सफर और आसान होगा. इस मार्ग पर पड़ने वाले गांवों में जमीन की कीमतों में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, क्योंकि यह क्षेत्र अब एक महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारा बनेगा.
गंगा एक्सप्रेस-वे के पहले चरण, जो मेरठ से प्रयागराज तक है, का निर्माण अंतिम दौर में है और 93 प्रतिशत से ज़्यादा काम पूरा हो चुका हैं. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज़ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) के अनुसार, इसका उद्घाटन 15 दिसंबर 2025 तक होने की संभावना हैं. इस 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 36,230 करोड़ रुपये की लागत आई हैं.
विस्तार के लिए 50 करोड़ रुपये जारी
पहले चरण के पूरा होने के बाद, मेरठ से हरिद्वार तक दूसरे चरण का निर्माण शुरू होगा. नोएडा की एसए इंफ्रा कंपनी डीपीआर तैयार कर रही है और अगले चार महीनों में इसे यूपीडा को सौंप देगी. इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस विस्तार के लिए 50 करोड़ रुपये का शुरुआती बजट भी जारी कर दिया हैं.
लखनऊ से हरिद्वार की दूरी कम
यह एक्सप्रेस-वे केवल बेहतर कनेक्टिविटी ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा देगा. एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक कॉरिडोर, फार्मा पार्क, टेक्सटाइल पार्क और आईटी पार्क विकसित किए जा रहे हैं. इससे मेरठ, हापुड़, शाहजहांपुर, और हरदोई जैसे क्षेत्रों में रियल एस्टेट की मांग बढ़ने की संभावना हैं. यह परियोजना पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिल्ली-मेरठ, यमुना और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जुड़कर एनसीआर को पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से जोड़ेगा. इससे मेरठ से प्रयागराज की यात्रा 6-7 घंटे और लखनऊ से हरिद्वार की यात्रा 5-6 घंटे में पूरी हो सकेगी.
पर्यावरण का भी रखा जाएगा ध्यान
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए, एक्सप्रेस-वे के आसपास 18,55,000 पौधे लगाए जाएंगे और सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा. शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई गई है, जो आपातकालीन लैंडिंग के लिए काम आएगी. हालांकि, हरिद्वार विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण और गंगा व रामगंगा नदियों के पास निर्माण से पर्यावरणीय चुनौतियां हो सकती है, फिर भी यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच एक मज़बूत सामाजिक और आर्थिक कॉरिडोर के रूप में उभरेगा, जो क्षेत्रीय विकास को नई गति देगा.