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रांची/डेस्क: भारत में इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण रविवार यानी 7 सितंबर को लगने जा रहा हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार, यह ग्रहण रत 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर देर रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा. इस दिन पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध भी है, ऐसे में धार्मिक दृष्टि से यह दिन और भी खास माना जा रहा हैं.
सूतक काल सब से
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही लागू हो जाता हैं. यानी इस बार सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा. सूतक लगने के बाद पूजा-पाठ, भोजन पकाना और खाना वर्जित हो जाता हैं. इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि सभी धार्मिक कार्य और भोजन की तैयारी इससे पहले ही पूरी कर लेनी चाहिए.
तुलसी के पत्तों का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान भोजन पर अशुभ प्रभाव न पड़े, इसके लिए सूतक काल से पहले ही खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालने चाहिए. कई लोग गलती से ग्रहण लगने के बाद तुलसी तोड़ते हैं, जो कि शास्त्रों में निषिद्ध माना गया हैं. तुलसी को ग्रहण के दौरान तोड़ना अपशकुन माना जाता है और उस समय तोड़े गए पत्ते अपना प्रभाव भी खो देते हैं.
क्या करें और क्या न करें
7 सितंबर को दोपहर में ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें और उन्हें भोजन में डाल दें. ग्रहण लगने के बाद तुलसी तोड़ने से बचें और सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ और नए काम करने से परहेज करें.