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रांची/डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार से जापान यात्रा शुरू हो रही है. 28-29 अगस्त की दो दिवसीय जापान यात्रा के बाद पीएम मोदी की दो दिवसीय चीन यात्रा शुरू होने वाली है. पीएम मोदी की यह यात्रा भारत और चीन के बीच पनपते नये रिश्तों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि वैश्विक दृष्टिकोण से भी यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी ऐसे वक्त में चीन की यात्रा कर रहे हैं, जब अमेरिका भारत पर भारी ट्रैफिक का दबाव बना रहा है. इससे इन दोनों देशों (भारत-अमेरिका) के रिश्तों में काफी कड़वाहट आयी हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 50 प्रतिशत का जो टैरिफ भारत पर थोपा है, वह 27 अगस्त से लागू भी हो गया है. अमेरिका द्वारा लादे गये टैरिफ पर भारत को चीन का समर्थन मिला है जिसमें अमेरिका दादागीरी पर उसकी आलोचना की है.
पीएम मोदी और शी जिनपिंग की कब होगी मुलाकात?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शी जिनपिंग के बुलावे पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जा रहे हैं. इसी शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात होने वाली है. पूरी सम्भावना है कि वहां पर इन दोनों वैश्विक नेताओं के साथ रूस के पुतिन की तिकड़ी भी नजर आयेगी. इस लिहाज से पूरी दुनिया की निगाहें इस बात पर टिक जायेंगी कि इस तिकड़ी की मुलाकात का कौन-सा रंग देखने को मिलने वाला है. वैसे भी पुतिन इन दिनों यूक्रेन के साथ संघर्ष विराम के मुद्दे पर भी घिरे हुए हैं. देखना होगा कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर उन्हें कुछ सलाह देते हैं या नहीं.
शिखर सम्मेलन के अलावा पीएम मोदी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक में भी भाग ले सकते हैं. जो कि 31 अगस्त को होने वाली है. बता दें कि पीएम मोदी 7 सालों के बाद पहली बार चीन की यात्रा पर होंगे. गलवान में भारतीय और चीनी सेना की झड़प के बाद पीएम मोदी पहली बार चीन जाने वाले हैं. इस दौरे में पीएम मोदी के पास एक दूसके के साथ व्यापार, व्यापार की खातिर एक दूसरे के लिए सीमाएं खोलना तथा सबसे महत्वपूर्ण संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता जैसे मुद्दे होंगे.
पीएम मोदी की यात्रा से पहले भारत को मिला चीन का साथ
कहना नहीं होगा,चीन का रवैया इन दिनों भारत के प्रति कुछ-कुछ मित्रता वाला जरूर नजर आ रहा है. इसीलिए पीएम मोदी के दौरे से पहले अमेरिकी टैरिफ पर चीन ने अमेरिका की आलोचना कर भारत के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत ही नहीं, दूसरे देशों पर भी अमेरिका द्वारा टैरिफ थोपे जाने की कड़ी निंदा की है. अमेरिका अन्य देशों को दबाने के लिए ही टैरिफ को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.
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