पंकज कुमार/न्यूज़11 भारत
गुमला/डेस्क: घाघरा प्रखंड समेत आसपास के क्षेत्रों में वर्षों पहले सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) मद से बनाए गए प्याऊ अब पूरी तरह से बेकार हो चुके हैं. देवाकि बाबा धाम, आदर बाजार टांड़, मलगो और सारंगों जैसे प्रमुख स्थानों पर बने ये प्याऊ आज सूख चुके हैं. न टंकी में पानी है, न नलों से बूंद गिरती है.
ग्राम सभाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने कई बार इन प्याऊओं की मरम्मत की मांग उठाई, लेकिन आज तक न तो कंपनी हिंडालको ने कोई पहल की और न ही प्रशासन ने ध्यान दिया. ग्रामीणों का कहना है कि जब कंपनी इलाके के खनिज और संसाधनों का दोहन कर करोड़ों कमा रही है, तो उसका दायित्व बनता है कि वह जनहित के कार्यों की नियमित देखरेख भी करे. पर हकीकत यह है कि निर्माण के बाद से इन प्याऊओं की कभी मरम्मती नहीं की गई. पाइप जाम हैं, नल टूटे हैं और कई जगह मोटर जलकर खराब हो चुकी है.
प्रसिद्ध देवाकी बाबा धाम और आदर बाजार टांड़ जैसे धार्मिक स्थलों पर हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन गर्मी के दिनों में उन्हें पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ती है. श्रद्धालुओं को बोतलबंद पानी या दूर से पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ती है.
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