बड़कागांव श्रावणी मेले के लिए विख्यात है बुढ़वा महादेव पहाड़, कांडतरी गांव के श्रद्धालुओं ने पंचबहनी से जल उठाकर किया जलाभिषेक
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: बड़कागांव प्रखंड के विभिन्न शिव मंदिरों व महूदि पहाड़ स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर में श्रावण के प्रथम सोमवारी को 500 सौ मीटर ऊंची तलहटी पहाड़ पर चढ़ कर बुढ़वा महादेव मन्दिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं बादम के पँच बहनी मंदिर से जल उठा कर पैदल यात्रा कर जलाभिषेक किया. बुढ़वा महादेव पहाड़ श्रावणी मेले को लेकर काफी बहुचर्चित है. यहां झारखंड के विभिन्न जिलो से शिवभक्त जल चढ़ाने एवं पूजा-अर्चना करने आते हैं.बुढ़वा महादेव झारखंड राज्य के हजारीबाग जिले से 30 किलोमीटर एंव बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय से 3 किलोमीटर में बुढ़वा महादेव मंदिर स्थित हैं, यहाँ भगवान शंकर, मां पार्वती, भगवान गणेश की पूजा की जाती है. बगल में बजरंगबली और छातीशो माता के रूप में नीम का पेड़ की पूजा की जाती है. वहीं थाना प्रभारी कुंदन कांत विमल के नेतृत्व में जगह-जगह पर शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस जवान लगाए गए थे.महूदी पहाड़ बुढ़वा महादेव में खिरोधर प्रसाद मेहता के नेतृत्व में रात्रि 1:00 बजे पूजा अर्चना कर देवी देवताओं में खीर का भोग लगाया.
क्या है खासियत महुदी पहाड़ में
महुदी पर्वत की चोटी पर स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर, छगरी गुदरी गुफा, द्वारपाल गुफा, मड़ावा खामी, बंदरचुमा जल प्रपात, एवं दर्जनों नागफनी आकार की चट्टानें, तीर्थ स्थल धार्मिक ऐतिहासिक पुरातात्विक एवं प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात है. झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड बुढ़वा महादेव पर्वत चोटी तथा आसपास के क्षेत्रों में बॉलीवुड एवं अन्य फिल्मों की शूटिंग कई गई हैं. यहां की हरी-भरी वादियां घुमावदार पहाड़ियां, आकाश को चूमते पेड़, रंग-बिरंगे फूल बरबस ही सैलानियों को आकर्षित करते हैं.प्रकृति की छटा आकाश को चुमती पर्वत की चोटियां, पक्षियों का गुंजन, सनसनाती हवाएं, गहरी घाटियां पर्यटकों के दिल में अपने प्रति आकर्षण पैदा करती है.
नागफनी चट्टानें बुढ़वा महादेव मार्ग में दर्जनों चट्टाने नाग प्रकार की है. द्वारपाल गुफा शेषनाग के आकार का है, शेषनाग आकर के विशाल चट्टानें सड़क के दोनों ओर स्थित हैं. इसे देखने से ऐसा लगता है जैसे सैलानियों के स्वागत के लिए शेषनाग तैयार हैं.