आशीष शास्त्री/न्यूज़11 भारत
सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एक महत्वपूर्ण जिला स्तरीय बहु-हितधारक परामर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों में साइबर धोखाधड़ी, साइबर जागरूकता, डायन प्रथा अधिनियम, पोस्को अधिनियम और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता फैलाना था.
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार सिन्हा और अन्य आगंतुकों ने दीप प्रज्वलित कर की. इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि जागरूकता ही समाज को बदलने का एकमात्र तरीका है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में कार्यालयों में महिलाओं के साथ प्रलोभन देकर यौन शोषण होने लगा है. जिसमें कानून काफी सख्त है. उन्होंने इसके लिए व्यापक जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया है. इसके साथ उन्होंने बाल विवाह के दुष्परिणाम बताते हुए सभी पीएलवी और पुलिस प्रशासन को बाल विवाह को पूर्णतः रोकने का निर्देश दिया.
साइबर धोखाधड़ी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी और अन्य अपराधों से बचने के लिए लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने साथी अभियान और आवाज उठाओ अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इन अभियानों के माध्यम से हम समाज में जागरूकता फैला सकते हैं और लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दे सकते हैं. कार्यक्रम के दौरान एडीजे नरंजन सिंह सहित अन्य न्याय प्रशासन के अधिकारियों ने साइबर फ्रॉड, साथी अभियान, आवाज उठाओ अभियान और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी दी. कार्यक्रम के दौरान सभी पीएलबी को क्षेत्र में जाकर इन सभी मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया गया.