प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने नई दिल्ली में एनटीपीसी के वर्तमान अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह जी से मुलाकात कर हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं से प्रभावित गांवों की समस्याओं को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई और उनके शीघ्र समाधान पर बल दिया. वहीं हजारीबाग क्षेत्र में वर्षों से कोयला एवं ऊर्जा परियोजनाओं के कारण हजारों परिवार विस्थापित हो चुके हैं. दुर्भाग्यवश ये परिवार आज भी अपने अधिकारों और न्याय के लिए संघर्षरत हैं. जिसको लेकर रोजगार में समानता, मुआवजे में बढ़ोतरी, कट ऑफ डेट तिथि समाप्त कर पुनर्वास का लाभ देने, आजीविका एवं पर्यावरण संतुलन पर विशेष ध्यान देने को कहा गया .
किन-किन बिंदुओं पर हुई चर्चा
एनटीपीसी अध्यक्ष प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह एवं हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल के बीच एनटीपीसी स्थित नई दिल्ली कार्यालय छात्र की समस्याओं को लेकर निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की गई. जिसमें मुख्य रूप से
रोजगार में समानता के तहत
हजारीबाग में CCL एवं NTPC दोनों सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ कार्यरत हैं. जहाँ CCL में प्रभावित परिवारों को रोजगार देने की नीति लागू है, वहीं NTPC में अभी तक ऐसा प्रावधान नहीं है. विस्थापितों को CCL की तर्ज पर स्थायी रोजगार मिलना चाहिए,
न्यायसंगत मुआवज़ा
वर्षों पूर्व अधिग्रहित भूमि का मुआवज़ा आज भी पुराने दर पर ही दिया जा रहा है. वर्तमान बाज़ार मूल्य के अनुसार 20 लाख प्रति एकड़ की राशि को बढ़ाकर 40 लाख प्रति एकड़ किया जाए, ताकि प्रभावित परिवार अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकें.,
कट-ऑफ तिथि समाप्त हो
वर्तमान नीति के अनुसार केवल 2016 तक विस्थापित हुए परिवारों को ही पुनर्वास का लाभ मिल रहा है. इस कट-ऑफ तिथि को समाप्त कर सभी पात्र परिवारों को पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएएवम
आजिविका और पर्यावरण संतुलन
विस्थापन के कारण लोगों की आजीविका छिन जाती है, जिससे उनका जीवन संकट में पड़ जाता है. पुनर्वास नीतियों को और अधिक प्रभावी, समावेशी एवं पर्यावरण-संवेदनशील बनाना आवश्यक है ताकि रोजगार और पारिस्थितिकी का संतुलन बना रहे, आदि शामिल है.
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