प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
चतरा/डेस्क: शहर के दौभा मुहल्ला स्थित इंदुमतिटिबड़ेवाल स्कूल के गेट के समीप मुख्य सड़क में एक गड्डा जानलेवा साचित हो रहा है. इस स्कूल में सैकड़ों बच्चे प्रत्येक दिन पढ़ने आते हैं, जो खतरे से खाली नहीं है. इस गड्ढे के कारण आये दिन कोई न कोई दुर्घटनाग्रस्त होकर घायल हो रहे हैं. गट्टे के कारण जो पानी पाइप डाला गया है वह उपर हो गया है. छोटी-बड़ी वाहन को गुजरने में काफी दिक्कत होती है. पाइप में स्लीप कर वाहन सवार गिर जाता है. मुहल्लेवासियों का कहना है कि यहां कोई ऐसा दिन नहीं है जब दुर्घटना नहीं होती है. मुहल्ले के लोगों ने बताया कि छठ पूजा के समय नाली का पानी तलाब में चतरा में सोमवार को गड्डा के कारण सड़क जा रहा था, इसीलिए इस रोड को काट कर नाली का पानी निकालने के लिये उसमें गढ़े कर पाइप लगाया था. लेकिन इन दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण मिट्टी कटाव होने से पाईप वाले स्थान पर लगभग दस से 12 फीट चौड़ाई में गड्डा बन गया है, और पाइप उपर निकल आया है. मुहल्लेवासियों ने कई बार नगरपालिका परिषद को इसे मरम्मत कराने की मांग की लेकिन इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया गया.
निर्माण नहीं होने से कीचड़ में फंस रहे वाहन
प्रतापपुर हंटरगंज मुख्य पथ के गोरूआ पुल के पास बारिश के कारण पानी का जमाव हो जाने के कारण आवागमन बाधित हो रहा है. प्रतिदिन बड़ी छोटी गाडियां फंस जा रही है. सोमवार को गया से कुंदा चलने वाली महारानी बस पुलिया के पास किचड़ में फंस गई और पलटने से बाल बाल बची है. बस में सवार यात्री उत्तर कर अपनी-अपनी जान बचाई. बता दें कि आज से सात वर्ष पूर्व प्रतापपुर हंटरगंज मुख्य पथ का चौड़ीकरन का काम शुरू किया गया था, और हंटरगंज से राजा बांध पुल तक चौड़ी करन का कार्य पूरा किया गया. परंतु राजा बांध से निमामोड़ तक लगभग आठ किलोमीटर वन विभाग द्वारा एनओसी नहीं देने के कारण अब तक सड़क का निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा नहीं कराया गया है. मेरुआ पुल का निर्माण भी नहीं कराया जा सका है, इस आठ किलोमीटर की दूरी पर प्रतिदिन सड़क दुघर्टना होती है और सड़क के निर्माण के बाद से अभी तक दर्जनों लोगों की मौत सड़क दुघर्टना में हो गई है. सिंगल रोड़ रहने के साथ-साथ तीखा मोड़ के कारण इस सड़क पर आए दिन मोटरसाइकिल दुर्घटना होती रहती है. लोगों ने निमामोड़ से राजा बांध तक रोड का चौड़ीकरण एवं गेरूआ पुलिया के पास नया पुल निर्माण कराने की मांग चतरा सासंद, स्थानीय विधायक और जिले के उपायुक्त से किया गया है. अब तक को ठोस पहल नहीं हुई.
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