प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:- चौपारण प्रखंड के सिंघरावां मोड़ स्थित जीटी रोड पर निर्माणाधीन अंडरपास में दरारें पड़ना, राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) निर्माण कंपनी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. ढलाई के कुछ ही दिनों बाद सड़क की सतह पर बड़ी दरारें उभर आना न केवल तकनीकी खामी का संकेत है, बल्कि निर्माण की गुणवत्ता पर भी संदेह पैदा करता है.
इस अंडरपास का निर्माण कार्य बीते कई वर्षों से जारी है, लेकिन अब तक यह पूर्ण नहीं हो सका है. इसके बावजूद हाल ही में आधा-अधूरा निर्माण कर ढलाई कर दी गई और भारी वाहनों का आवागमन शुरू कर दिया गया. नतीजा—सड़क पर जगह-जगह दरारें नजर आने लगी हैं.
प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष बीरेंद्र रजक ने जताई चिंता
इस संबंध में मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष बीरेंद्र रजक ने जानकारी देते हुए कहा कि “एनएच निर्माण कंपनी की लापरवाही और गुणवत्ता की अनदेखी से आम जन की जान खतरे में पड़ सकती है. निर्माण कार्य अभी अधूरा है, फिर भी उस पर ट्रैफिक चालू कर दिया गया. यह गंभीर मामला है, जिसकी तत्काल उच्चस्तरीय तकनीकी जांच होनी चाहिए.”
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मांग:
-निर्माण कार्य की गुणवत्ता की निष्पक्ष जांच हो.
-जब तक निर्माण पूरी तरह पूरा न हो, तब तक भारी वाहनों का परिचालन रोका जाए.
-दोषी निर्माण एजेंसी और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो.
-ग्रामीणों ने कहा कि यदि समय रहते इस मामले की जांच नहीं हुई और निर्माण कार्य में सुधार नहीं लाया गया, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होंगे.
-दरारों की तस्वीरें और हालात देखकर यह स्पष्ट है कि करोड़ों रुपये की लागत से बन रही इस राष्ट्रीय परियोजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती. यह केवल निर्माण की असफलता नहीं, बल्कि जनसुरक्षा से सीधा खिलवाड़ है.