प्रशांत/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: एनएच-19 पर बसा चौपारण अब सिर्फ एक ट्रांजिट प्वाइंट नहीं रह गया है. यह इलाका अब डीजल कटिंग और तस्करी का अघोषित ठिकाना वन गया है, जहां प्रतिदिन हजारों लीटर डीजल ट्रकों से चोरी-छिपे निकाला जा रहा है और बाजार में खुलेआम बेचा जा रहा है. जीटी रोड पांडेयबारा से चोरदाहा चेकपोस्ट तक करीब डेढ़ से दो दर्जन दुकानों में यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. ट्रक चालकों और स्थानीय तस्करों के बीच पहले से सेटिंग रहती है.
जानकारी के अनुसार, ट्रकों की टंकियों में 500 से 1500 लीटर तक डीजल भरा रहता है. इन ट्रकों को सुनसान जगहों या कुछ खास होटलों के पास रोककर पाइप और मशीन के जरिये डीजल निकाला जाता है. कटे हुए डीजल को वाल्टी, पीपा और ड्रमों में भरकर स्थानीय बाजारों, ढाबों, गैरेजों और अन्य प्रखंडों तक पहुंचाया जाता है. यह सब सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी के साथ हो रहा है. कभी भी आगजनी या विस्फोट जैसी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, केवल चौपारण क्षेत्र में हर महीने 15 से 20 हजार लीटर डीजल की अवैध कटिंग और तस्करी होती है. इससे न केवल पेट्रोलियम कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकार के राजस्व को भी बड़ी क्षति पहुंच रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि डीजल कटिंग के इस नेटवर्क में कई ट्रक चालक व गिरोहों की मिलीभगत है.