प्रशांत/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: टाटीझरिया प्रखंड मुख्यालय में वर्षों से स्वच्छ भारत मिशन का कचरा प्रबंधन रिक्शा पड़ा हुआ है. उसे जंग खा रहा है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है. जब से रिक्शा प्रखंड मुख्यालय में आया है एक दिन भी उसका उपयोग कभी नहीं किया गया है. जब कचरा प्रबंधन के संसाधनों का उपयोग नहीं हो तो मिशन की सफलता पर प्रश्न उठना लाजमी है. प्रखंड कार्यालय में बने शौचालय उपयोग लायक नहीं है, इस कारण इसमें फिलवक्त ताला लगा दिया गया है. परिसर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामुदायिक शौचालय बनाया गया, लेकिन उसका एक दिन भी उपयोग नहीं हो पाया, कारण चाहे जो भी हो. शौचालय के अभाव के कारण प्रखंड सह अंचल में कार्य करवाने आए ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं. इस तरह स्वच्छता अभियान प्रखंड कार्यालय में ही पूरी तरह से फेल है. स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. उन्होंने देश के लोगों से इस मिशन में सहयोग करने की अपील किया. झारखंड में भी इसे लागू किया गया.
क्या कहते हैं प्रमुख
प्रखंड प्रमुख संतोष मंडल से पूछने पर बताया कि प्रखंड कार्यालय में शौचालय में गंदगी को देख कर ही मैंने पंचायत समिति मद की अनुशंसा किया है व उस मद से बहुत जल्द उसका मरम्मत किया जाना है. सामुदायिक शौचालय को मरम्मति करवाने के लिए बीडीओ रश्मि खुशबू मिंज से कई बार कहा. वे इसे ठीक करवाने में रुचि दिखतीं तो हमारा प्रखंड स्वच्छत रहता.
प्रखंडों में स्वच्छता अभियान बड़े हीं जोर-शोर से चलाया गया
डीसी द्वारा जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों को भी इस मिशन की सफलता के लिए मसूरी में प्रशिक्षण दिलवाया गया. शुरू के दिनों में ग्रामीणों ने बढ़ चढ़ कर कार्य किया. अब सब ठंडे बस्ते में पड़ गया. इस मिशन को फेल करने में प्रखंड स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं.