प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
चतरा /डेस्क: राज्य के ग्रामीण इलाकों में बेघर और जर्जर घरों में रहने वाले परिवारों को पक्का कराने के लिए शुरू की गई अबुआ आवास योजना आवंटन नहीं रहने के कारण आधी-अधूरी है. इस योजना का उद्देश्य कमजोर और वंचित तबके के लोगों को सुरक्षित और सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना है. योजना में न केवल वित्तीय सहायता बल्कि श्रम सहयोग का भी प्रावधान है, ताकि हर पात्र परिवार के सिर पर मजबूत छत हो. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जिले के कई पंचायतों में घर बनकर तैयार हो गए हैं, फिर भी लाभुकों पूरी राशि नहीं मिली है. फंड की कमी के कारण भुगतान लंबित है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, योजना के लिए स्वीकृत बजट का बड़ा हिस्सा अभी तक जारी नहीं हो पाया है, जिसके चलते आवास निर्माण का भुगतान अटका हुआ है. कई लाभुकों का कहना है कि उन्होंने योजना की तय राशि मिलने के भरोसे कर्ज लेकर घर का निर्माण कराया. अब भुगतान न मिलने से वे आर्थिक तंगी को और कर्ज के दबाव में हैं. कुछ परिवार आधे-अधूरे मकानों में रहने को मजबूर हैं, .. जिससे बारिश और ठंड में परेशानियां बढ़ जाती हैं. लाभुकों ने बताया कि कई बार पंचायत और का चक्कर लगाने के बाद भी केवल आश्वासन ही मिला है. आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में जिले में अबुआ आवास बनाने का लक्ष्य 7820 रखा गया था जिसमें से मात्र 3371 आवास ही पूर्ण हो पाया है. शेष आवास निर्माणाधीन हैं. कई लाभुक ऐसे हैं जिन्हें पहली या दूसरी किश्त तो मिली, लेकिन अंतिम भुगतान महीनों से अटका हुआ है. एक अबुआ आवास के लिए लाभुक को दो लाख रूपए और शौचालय बनाने के लिए बारह हजार रूपए मिलते हैं. बारह हजा रूपए स्वच्छता मिशन की ओर से दिया जाता है. प्रखंड अधिकारियों का कहना है कि राशि भुगतान में देरी का मुख्य कारण फंड की उपलब्धता न होना है. जैसे ही राज्य से राशि आवंटित होगी, लाभुकों के खातों में भुगतान कर दिया जाएगा.
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