प्रशांत/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: रेलवे स्टेशन व ट्रेनों में खानपान की गुणवत्ता पर निगरानी बढ़ाने तथा अवैध वेंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए वेंडरों व दुकानदारों को मानकीकृत पहचान पत्र दिया जाएगा. आइकार्ड पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करते ही वेंडर का पूरा विवरण स्क्रीन पर आ जाएगा. कोई भी वेंडर विना आइकार्ड के ट्रेन या स्टेशन परिसर में खानपान की सामग्री नहीं बेच सकेगा. इस व्यवस्था से खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर जिम्मेदारी सीधे तय हो सकेगी.
कोडरमा सहित धनबाद रेलमंडल में 500 से अधिक वेंडर सामग्री स्टेशन पर बेचते हैं. वर्तमान में वेंडर या दुकानदारों को रेलवे से अधिकृत आइकार्ड जारी नहीं होता है. रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक विक्रम सिंह ने भी जोनल महाप्रबंधकों को उनके अधीन स्टेशनों और ट्रेनों में कार्यरत रेलवे व आइआरसीटीसी के अधिकृत खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को ले जिम्मेदारी सीधे तय हो सकेगी. कोडरमा व धनबाद मंडल में 500 से अधिक वेंडर है. विक्रेताओं, वेंडरों, सहायकों, लाइसेंसधारकों व उनके कर्मचारियों के लिए मानकीकृत जारी करने का निर्देश दिया है.
अधिकृत विक्रेताओं, वेंडरों, सहायकों, लाइसेंसधारकों व उनके कर्मचारियों का पहचान पत्र संबंधित स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन प्रबंधक या इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) के प्राधिकारी या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी होंगे.
पहचान पत्र स्वीकृत पदों की संख्या के अनुरूप जांच की विधिवत प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही दिए जाएंगे. यदि कोई विक्रेता या सहायक नौकरी छोड़ता है तो संबंधित लाइसेंसधारक को पहचान पत्र सौंपना होगा. सभी लाइसेंसधारक कर्मचारियों, विक्रेताओं और सहायकों का रिकार्ड तैनाती वाले स्टेशन के निर्धारित रजिस्टर में दर्ज होगा. कार्यकारी निदेशक ने अवैध वेंडिंग का हवाला देते हुए सभी क्षेत्रीय रेलवे और आइआरसीटीसी को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है. पूर्व मध्य रेलवे समेत भारतीय रेलवे में अवैध वेंडिंग की शिकायतें बढ़ती जा रही है. वेंडरों की पहचान सुनिश्चित न होने से अवैध वेंडर भी धड़ल्ले से खानपान की सामग्री बेचते रहते हैं.