न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रसिया युक्रेन वार को लेकर हर तरीके से रुस पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है. रुस के आसपास दो न्यूक्लियर पनडूब्बी को तैनात कर दिया है. इसको लेकर दोनों देशों के बीच तनाव कापी बढ़ गया है. वहीं बुधवार को ट्रंप ने भारत को उपर भी टैरिफ लगाने की बात कही थी. बताया जा रहा है कि भारत रुस से कच्चा तेल व हथियार खरीदता है और अमेरिका चाहता है कि रुस से भारत आयात करना बंद कर दे.
साथ ही ट्रंप रुस पर व्यापक प्रतिबंध भी लगाने वाला है जिसको लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि रुस पर प्रतिबंध से कच्चे तेल की कीमत में उछाल भी आ सकती है. 120 डॉलर प्रति बैरल भी पहुंच सकती है. ऑयल मार्केट एक्सपर्ट्स ने एएनआई से बात करते हुए बताया कि जियो पॉलिटिक्स तनाव बढ़ने से खास कर के यूक्रेन रसिया के बीच वार को लेकर ट्रंप की चेतावनी से तेल आपुर्ति में लंबे समयअंतराल को लेकर बहुत बुरा असर देखने को मिल सकता है.
भारत पर असर
सीनियर एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा का कहना है कि रुस ग्लोबल इकॉनोमी में हर दिन 50 लाख बैरल तेल की निर्यात होता है. अगर ये ब्रेक होता है तो क्रूड ऑयल की कीमत 100 से 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है. बता दें कि भारत रुस से 35-40 फीसदी तेल इम्पोर्ट करता है कीमत बढ़ने से भारत भी प्रभावित हो सकता है. बता दें कि भारत की रिफायनरी कंपनी रुस के तेल पर निर्भर है, इससे घरेलु महंगाई को संतुलित करने में मददगार साबित हुई है. भारत की कंपनी अगर प्रतिबंध के बाद भी आयात करती है तो उच्च टैरिफ के साथ साथ जुर्माने का भी सामना करना पड़ सकता है. इससे कई चीजें महंगी भी हो सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल के उत्पादन में ग्लोबल मार्केट में पहले से ही समस्या रही है. इससे कई देशों में महंगाई भी बढ़ी हुई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 2026 तक तेल की कीमतों में तेजी रह सकती है.