प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
चतरा/डेस्क: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह से अव्यवस्थित हो चुकी है. मुख्य सड़कों से लेकर आंतरिक मार्गों तक जाम की समस्या आम हो गई है. फुटपाथों पर दुकानदारों और ऑटो चालकों का कब्जा होने के कारण पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है. ऐसे में आम नागरिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान समय पर पहुंचना चुनौती बन गया है. ट्रैफिक जाम के मुख्य कारणों में पुलिस की हेलमेट जांच अभियान भी शामिल है. मुख्य चौक पर जब भी यह अभियान चलता है, तो लंबी कतारें लग जाती हैं और ट्रैफिक ठप हो जाता है. इसके अलावा, शहर की कई प्रमुख सड़कों की स्थिति बेहद खराब है. टूटी सड़कों और गड्डों के कारण वाहनों की गति धीमी पड़ जाती है, जिससे जाम की स्थिति और गंभीर हो जाती है. शहर में पार्किंग व्यवस्था की कमी भी ट्रैफिक जाम का बड़ा कारण है. जिले में बड़ी संख्या में रजिस्टर्ड ऑटो चल रहे हैं, लेकिन इनके लिए कोई व्यवस्थित स्टैंड नहीं है.
नतीजा यह होता है कि ये ऑटो मुख्य सड़कों पर खड़े रहते हैं और आवागमन में बाधा डालते हैं. ट्रैफिक पुलिस व्यवस्था सुधारने के प्रयास कर रही है, लेकिन नतीजे अब तक संतोषजनक नहीं हैं. कई स्थानों पर ट्रैफिक लाइट की आवश्यकता है, जबकि जहां सिग्नल लगे हैं, वे भी अक्सर खराब रहते हैं. शहर के व्यस्त क्षेत्रों में सिग्नल न होने से स्थिति और बिगड़ जाती है. अधिकारियों का कहना है कि सीमित संसाधन और बढ़ते वाहन ट्रैफिक नियंत्रण में सबसे बड़ी चुनौती हैं. उनका मानना है कि जागरूकता अभियान और सख्त नियमों के साथ ही यह समस्या कुछ हद तक नियंत्रित हो सकती है. वहीं, जनता का कहना है कि खराब ट्रैफिक व्यवस्था के कारण समय और ईंधन की बर्बादी होती है, साथ ही दुर्घटनाओं का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है. ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए आवश्यक है कि फुटपाथों से अतिक्रमण हटाया जाए, पार्किंग की उचित व्यवस्था हो और ऑटो स्टैंड तय किए जाएं.
साथ ही, शहर के प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल दुरुस्त किए जाएं और ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाई जाए. अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो सकती है. इस संदर्भ में जतराहीबाग निवासी संजय सिंह ने कहा कि जबतक बाइपास नहीं बनता तबतक शहर वासियों को जाम से निजात नहीं मिलेगा. दूसरी ओर सतुगली निवासी बिनोद अग्रवाल का कहना है कि जबतक पूरी तरह से अतिक्रमण खत्म नहीं होगा तबतक जाम को लगने से नहीं रोका जा सकता है.