प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
चतरा/डेस्क: हंटरगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कोबना गांव में बारिश के कारण एक कच्चा मकान भरभरा कर गिर गया. इस हादसे में मकान के मौजूद चाचा और उसकी 3 वर्षीय भतीजी मलबे में दब गई. घटना रविवार दोपहर 2 बजे की है. इधर ग्रामीणों ने दोनों घायलों को आनन-फानन में हंटरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया. जहां उनकी स्थिति सामान्य है. पीड़ित मुकेश कुमार पासवान का कहना हैं कि अगर वक्त पर परिवार को अबुआ आवास मिल गया होता तो ऐसा हादसा नहीं होता. हालांकि ईश्वर का लाख लाख शुक्र रहा की हमलोग बच गए. आगे बताया कि हादसे के समय पूरा परिवार घर में ही था. लेकिन हादसे के 5 मिनट पहले परिवार के सदस्य बाहर निकल चुके थे. सिर्फ चाचा मुकेश पासवान (28 वर्षीय) और भतीजी नंदनी कुमारी चौकी पर बैठे थे. इसी बीच उनका मकान ढह गया. जिसमें चाचा और भतीजी मलबे में दब गए. शोर मचाने पर गांव के लोग पहुंचे और दोनों को बाहर निकाला। पीड़ित शिवकुमार पासवान ने बताया कि गांव वालों ने मिलकर दोनों को मलबे से बाहर निकाला. उन्होंने बताया कि अगर मुकेश को "अबुआ आवास' की सुविधा मिल गई होती तो ऐसी नौबत नहीं आती. उन्होंने बताया कि आवास के लिए कई बार आवेदन दिया गया. हर बार कहा जाता था कि प्रोसेस में है. अब सवाल है कि इसकी जवाबदेही कौन लेगा. इस हादसे से गांव के लोग सहमे हुए हैं. खास कर वैसे ग्रामीण जिनके घर मिट्टी के हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से आपदा राहत की तहत मुआवजा की मांग की है.
आखिर क्यों नहीं मिला अबुआ आवास ?
इधर पूछे जाने पर हंटरगंज बीडीओ निखिल गौरव कमान कच्छप ने बताया कि दुखद घटना घटी है. प्रशासन की तरह से पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की कवायद शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि बेघर हो चुके परिवार को नजदीकी पंचायत भवन में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. उनसे पूछा गया कि आखिर इस गरीब परिवार को अबुआ आवास का लाभ क्यों नहीं मिला. जवाब में उन्होंने कहा कि आवेदक की लिस्ट काफी लंबी है. पीड़ित परिवार का नाम काफी पीछे है. सीरियल के आधार पर ही आवंटन होना है, वही उसकी मां को अबुआ आवास का लाभमिल चुका है. फिलहाल, मौजूदा हालात में बुनियादी जरुरत मुहैया कराना प्रशासन की प्राथमिकता है.