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रांची/डेस्क: खूबसूरती के शौकीनों के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई हैं. आईब्रो थ्रेडिंग जैसी आम ब्यूटी सर्विस भी अगर हाइजीन का ध्यान न रखा जाए तो जानलेवा साबित हो सकती हैं. हाल ही में एक 28 वर्षीय महिला के साथ ऐसा हुआ, जिसे लोकल पार्लर में आईब्रो थ्रेडिंग कराने के कुछ दिनों बाद लिवर फेलियर का सामना करना पड़ा. जांच में सामने आया कि इसकी वजह वायरल हेपेटाइटिस थी, जो संभवतः इस्तेमाल किए गए धागे से फैला.
एमबीबीएस डॉक्टर अदिति धामिजा ने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में इस घटना का जिक्र करते हुए चेतावनी दी कि थ्रेडिंग के दौरान त्वचा पर सूक्ष्म कट या खरोंच बन जाते है, जिससे हेपेटाइटिस B और C जैसे ब्लड-बॉर्न वायरस शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. ये वायरस तुरंत लक्षण नहीं दिखाते लेकिन धीरे-धीरे लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं.
डॉक्टर के अनुसार, अस्वच्छ पार्लर से सेवाएं लेने पर पीलिया, क्रॉनिक हेपेटाइटिस, लिवर में सूजन, लिवर फेलियर और यहां तक कि लिवर कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता हैं. हेपेटाइटिस वायरस शरीर के बाहर लंबे समय तक जीवित रह सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि थ्रेडिंग खुद में खतरनाक नहीं है, लेकिन अगर पार्लर में एक ही धागा कई ग्राहकों पर इस्तेमाल हो या टूल्स और हाथों की सफाई पर ध्यान न दिया जाए, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं.
थ्रेडिंग कराते समय अपनाएं ये सावधानियां
- हर बार नया धागा इस्तेमाल हो.
- पार्लर स्टाफ के हाथ साफ और सैनिटाइज हों या ग्लव्स पहने जाएं.
- हेपेटाइटिस B का टीका लगवाएं.
- थकान, आंखों में पीलापन या पेशाब के गहरे रंग जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं.