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रांची/डेस्क: आज एक निजी दौरे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार फिरोजाबाद पहुंचे थे. इस दौरान बिहार में चल रहे मतदाता सूचि अपडेट अभियान और विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत हर चुनाव से पहले मतदाता सूचि को अपडेट करना अनिवार्य हैं ताकि किसी प्रकार की चुनावी गड़बड़ी न हो सके.
ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि बिहार में आखिरी बार 1 जनवरी 2003 को मतदाता सूची का गहन परिशोधन हुआ था. जिसका मतलब यह है कि आज से 22 साल पुराने डाटा के आधार पर वोटिंग हो रही है, जिसको बदलना बेहद जरूरी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि उस वक्त मतदाताओं की पात्रता की जांच की गई थी. संविधान के अनुछेद 356 के हिसाब से देखे तो मतदाता बनने के लिए तीन मुख्या शर्तें हैं. पहली शर्त यह है किभारत का नागरिक होना चाहिए. दूसरी शर्त है कि उसकी उम्र 18 वर्ष की पूरी होनी चाहिए. तीसरी और आखरी शर्त यह है कि जिस पोलिंग स्टेशन के आसपास व्यक्ति रहता हो, वो व्यक्ति वहां का सामान्य निवासी भी होना चाहिए.
राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग ने कॉर्डिनेशन बनाया है: CEC
उन्होंने कहा कि 2003 के बाद इस तरह का गहन परिशोधन बिहार में नहीं हुआ था. जब भी कभी हुई तो सिर्फ सामान्य जांच ही हुई हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने राजनितिक दलों के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्णय लिया था, जिसके बाद कई दलों ने मतदाता सूची में अशुद्धियों की शिकायत की हैं. इस बार जुलाई से अगस्त के बीच बिहार में 2003 की तरह ही गहन परिशोधन किया जाएगा. जिससे नए मतदाता के नाम जोड़े जाएंगे और जो मतदाता नहीं रहे उनका नाम लिस्ट से हटाया जाएगा.
मतदाता सूची को एडवांस टेकनीक से अपडेट करेंगे: CEC
CEC ने जानकारी दी कि इस प्रक्रिया में एक लाख से अधिक बूथ लेवल ऑफिसर और डेढ़ लाख से ज्यादा राजनितिक दलों क्र बूथ लेवल एजेंट शामिल हैं. इसके साथ ही इस कार्य में सभी पार्टियां सहयोग कर रही हैं. मतदाता फॉर्म के साथ-साथ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे, लेकिन अगर किसी के पास तुरंत दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, तो वे आड़ में भी जमा कर सकते हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आधुनिक तकनीक की मदद से मतदाता सूची पूरी तरह पारदर्शी ढंग से तैयार की जाएगी.
सभी की भागीदारी मतदाता सूची में सुनिश्चित की जाएगी
हर पात्र नागरिक को इसमें शामिल जाएगा, जबकि अपात्र व्यक्तियों को सूची से हटा दिया जाएगा. विपक्ष के द्वारा जो सवाल उठाए गए उस पर ज्ञानेश कुमार ने कहा कि 'हम राजनितिक दलों से लगातार संवाद कर रहे हैं. मतदाता सूची को शुद्ध करने की प्रक्रिया में सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही हैं.' इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जब भी कोई जटिल निर्णय लेना होता है, तो वे संविधान का रास्ता चुनते हैं. किसी प्रकार की समस्या ताकि खड़ी न हो.
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