झारखंडPosted at: अगस्त 02, 2025 विधानसभा चुनाव का बहिष्कार व ग्रामीणों को डराने धमकाने वाले मामले में कोर्ट 8 अगस्त को सुनाएगा फैसला

न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए ग्रामीणों को डराने धमकाने और पुलिस बल को जानमाल का नुकसान पहुंचाने के लिए केन बम और जिलेटिन डेटोनेटर बिछाने के मामले में सुनवाई पूरी हुई है. फैसले को अपर न्याययुक्त अरविंद कुमार की कोर्ट ने सुरक्षित रखा है. बताया जा रहा है कि 8 अगस्त को कोर्ट आदेश सुनाएगा. CPI माओवादी संगठन के कमांडर बोयदा पाहन , बिरजा मुंडा उर्फ नैन, गोंडा पाहन और विधायक मुंडा ने ट्रायल फेस किया है. मामला साल 2019 का है बता दें ये मामला नामकुम थाना क्षेत्र के गरुड़पीढ़ी हेसो जंगल की है. तत्कालीन रांची SSP को गुप्त सूचना मिली थी कि माओवादी संगठन के द्वारा विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए ग्रामीणों को डराया धमकाया जा रहा है, जिसकी सूचना पर 5 दिसंबर 2019 को डीएसपी के नेतृत्व में झारखंड जगुआर और जिला बल के द्वारा छापेमारी अभियान चलाया गया. पुलिस जैसे ही गरुड़पीढ़ी हेसो जंगल पहुंची तो माओवादी जंगल और झाड़ का सहारा लेकर भाग गए थे. जंगल में सर्च किए जाने पर देशी कट्टा ,गोली दवा तार रस्सी और चुनाव बहिष्कार के पर्चा के साथ रोजाना उपयोग में आने वाला सामान बरामद किया गया था. इतना ही नहीं पुलिस बल को जानमाल का नुकसान पहुंचाने के लिए रखे गए तीन केन बम और जिलेटिन डेटोनेटर भी बरामद किया गया था.