प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: बरकट्ठा प्रखंड क्षेत्र के गोरहर पंचायत अंतर्गत आदिवासी बहुल गांव बंधुआडीह आजादी के सात दशक बीत जाने के बावजूद आज तक विकास से कोसों दूर है. ढाई सौ आबादी वाले इस गांव के लोग नदी में चुंआं बनाकर गंदे पानी पीने को विवश हैं. गांव में न ही कोई चापाकल, कुंआ और न ही सरकार की महत्वकांक्षी योजना नल-जल योजना पहुंच पाई है. ग्रामीणों के मुताबिक चुनाव में बड़े-बड़े वादे करने वाले नेता सिर्फ चुनाव में अपनी झलकियां दिखा कर चले जाते हैं और आज तक हम ग्रामीणों की समस्यायों को कोई सुध नहीं लेते. वहीं यहां की शैक्षणिक व्यवस्था की बात की जाए तो इस गांव में न तो कोई विद्यालय है न ही आंगनबाड़ी केंद्र. स्थानीय निवासी शिकारी मांझी ने बताया कि हमने सुना था कि साउथ अफ्रीका के आदिवासियों की स्थिति दुनिया भर में सबसे बदतर है. लेकिन मुझे लगता है कि पूरी दुनिया में हमारी स्थिति सबसे बदतर है. हम लोगों को किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
सूचना मिलने पर समाजसेवी व जिप सदस्य प्रतिनिधि सीके पाण्डेय, गोरहर मुखिया प्रतिनिधि छोटन कोल, वार्ड सदस्य कुंजलाल महतो समेत अन्य लोगों ने ग्रामीणों की समस्यायों को देखा और अधिकारियों से बात कर अति शीघ्र पेयजल व्यवस्था की मांग की. जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने कहा कि जल्द पेयजल की व्यवस्था नहीं हुई तो सड़क पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे.