प्रशांत शर्मा/डेस्कः-
हजारीबाग/डेस्क:- जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी की बादाम कोयला खनन परियोजना के लिए मुआवजा भुगतान शिविर को लेकर मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ. शिविर स्थल में अचानक किए गए बदलाव से गुस्साए ग्रामीणों ने प्रशासन और कंपनी अधिकारियों पर पथराव कर दिया. इसमें आधे दर्जन से अधिक अधिकारी और दर्जनों ग्रामीण घायल हो गए. इस दौरान दो दर्जन से ज्यादा सरकारी और कंपनी के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा.
मुआवजा शिविर में बदलाव से गरमाया माहौल:
उपायुक्त के निर्देश पर मुआवजा शिविर पहले बड़कागांव अंचल कार्यालय में होना था लेकिन भीड़ को देखते हुए इसे तुरंत पास के महुगाईं कला पंचायत भवन में शिफ्ट कर दिया गया. इसी बात से ग्रामीण भड़क गए और पंचायत भवन पहुंचते ही हंगामा शुरू हो गया. अधिकारियों का आरोप है कि ग्रामीणों ने पहले उन पर बालू फेंका और फिर पथराव शुरू कर दिया. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया. इसके जवाब में उन्होंने पथराव किया.
इस घटना में एनटीपीसी के जीएम अरुण सक्सेना, अंचलाधिकारी मनोज कुमार, और भूमि अधिग्रहण पदाधिकारी विशाल समेत कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए. जिन्हें बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग रेफर किया गया है.
घटना की सूचना मिलते ही हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह और पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. पुलिस छावनी में तब्दील हो चुके इलाके में घंटों तक मंथन चलता रहा. इस घटना ने एक बार फिर भूमि अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर स्थानीय लोगों के आक्रोश को सामने ला दिया है.
एनटीपीसी को विकास से कोई लेना-देना नहीं: संजय तिवारी
वहीं इस मामले पर बात करते हुते कांग्रेस नेता सह समाजसेवी संजय कुमार तिवारी ने कहा कि पूर्व के अनुभवों के आधार पर बड़कागांव और केरेडारी की जनता एनटीपीसी के रवैये से नाराज है. कहा कि एनटीपीसी सिर्फ कोयला निकालना व बेचना जानती है, उसे इस क्षेत्र के विकास से कोई लेना-देना नहीं है. इस क्षेत्र के निवासी प्रदूषण की समस्या से ग्रसित होकर विभिन्न श्वांस संबंधी रोगों से पीड़ित है. कहा कि मेरी जमीन का भी अधिग्रहण किया गया है ऐसे में एक रैयत होने के नाते मेरे अनुभव व जनता का मर्म तीखे हैं.