प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: झारखंड की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (एआईडीएसओ) की राज्य इकाई ने एक बड़ा कदम उठाया है. शनिवार को संगठन ने ऑनलाइन माध्यम से एक विशाल हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की, जो 11 अगस्त से 19 सितंबर तक चलेगा. इस अभियान का उद्देश्य राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष लाखों छात्रों की आवाज को पहुंचाना है. एआईडीएसओ के प्रदेश अध्यक्ष समर महतो ने बताया कि यह हस्ताक्षर अभियान क्रांतिकारी शहीद खुदीराम बोस की शहादत दिवस से शिक्षा संस्कृति-मानवता बचाओ आंदोलन तेज करें। सार्वजनिक शिक्षा बचाने के लिए 1 लाख हस्ताक्षर के साथ 19 सितंबर 25 हस्ताक्षर शुरू होकर 19 सितंबर तक पूरे झारखंड में चलाया जाएगा.
इस दौरान एक लाख से अधिक छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों के हस्ताक्षर जुटाए जाएंगे. 19 सितंबर को राजधानी रांची में एक विशाल छात्र प्रदर्शन का आयोजन कर इन हस्ताक्षरों को मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा. संगठन के जिला अध्यक्ष जीवन यादव ने कहा कि झारखंड में शिक्षा और रोजगार के अवसर नगण्य होते जा रहे हैं. पिछले नौ वर्षों से झारखंड शिक्षण पात्रता परीक्षा (जेटेट) का आयोजन नहीं हुआ है. विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम सत्र वर्षों से विलंबित हैं और स्कूल-कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है. इसके साथ ही छात्रवृत्ति वितरण में भी सरकार की उदासीनता सामने आई है. छात्र संगठन की मांग है कि झारखंड में बंद किए गए सभी सरकारी स्कूलों को पुनः खोला जाए. स्कूलों और महाविद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति हो. पूर्व की भांति महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को बहाल किया जाए.
विश्वविद्यालयों में सत्र अनियमितता को समाप्त किया जाए, झारखंड पात्रता परीक्षा और शिक्षण पात्रता परीक्षा का शीघ्र आयोजन हो. वहीं छात्राओं और महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की जाए. राज्य के बजट का 30% शिक्षा पर खर्च किया जाए और नई शिक्षा नीति 2020 को रद्द किया जाए. इसके साथ ही सभी छात्रों को समय पर नियमित छात्रवृत्ति दी जाए. इस अभियान की शुरुआत के मौके पर प्रदेश सचिव सोहन महतो, सचिवमंडल सदस्य प्रदीप कुमार यादव, जूलियस और शुभम कुमार झा भी उपस्थित थे. संगठन ने राज्य के सभी छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से इस जन अभियान में भाग लेने की अपील की है, ताकि झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को फिर से सशक्त बनाया जा सके.