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रांची/डेस्क: सेंट्रल यूनिवर्सिटी रांची के बॉयज हॉस्टल में शनिवार देर रात एक छात्र के कमरे में आग लग गई. इस आगजनी में छात्र की किताबें, जरूरी दस्तावेज, कपड़े और अन्य निजी सामान पूरी तरह जलकर खाक हो गए. घटना के पीछे साजिश की आशंका जताई जा रही है. छात्रों का आरोप है कि आग जानबूझकर उस छात्र के कमरे में लगाई गई, जो विश्वविद्यालय की नीतियों के खिलाफ बार-बार आवाज उठाता रहा है. छात्रों ने दावा किया कि पीड़ित छात्र को हाल ही में आगामी सेमेस्टर में पंजीकरण से भी वंचित कर दिया गया था, जिससे वह पहले से मानसिक दबाव में था.
छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन, विशेष रूप से कुलपति पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि हॉस्टल पूरी तरह Dean of Students’ Welfare (DSW) के अधीन होता है और परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह प्रशासन के नियंत्रण में है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि बिना किसी की जानकारी के हॉस्टल के भीतर आगजनी जैसी घटना कैसे हो सकती है? छात्रों ने घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुलपति द्वारा नियुक्त अधिकारियों की मिलीभगत से यह घटना घटी है और इसका उद्देश्य छात्र की आवाज को दबाना हो सकता है.
घटना के बाद परिसर में तनाव का माहौल है. प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जबकि छात्रों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि मामले की गंभीरता से जांच नहीं की गई, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे. छात्रों ने कहा कि पीड़ित छात्र का हौसला अब भी बुलंद है और वह अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता रहेगा. विश्वविद्यालय के भीतर ऐसी घटनाएं छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही हैं.