प्रशांत/न्यूज़11 भारत
चतरा/डेस्क: चतरा के ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास ने लोगों के जहन में घर कर रखा है. इस अंधविश्वास की जड़ें इतनी मजबूत हो चुकी है कि इसके खिलाफ कोई आवाज भी नहीं उठा पा रहा. ऐसा ही एक मामला चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पैनीकला गांव में बुधवार को सामने आया. जहां घर के कमरा में परिजन मृतक को सात घंटे तक जिंदा करने की कोशिश करते रहे.
क्या है पूरा मामला ?
दो दिन पूर्व सोमवार की शाम गुजरात के अहमदाबाद में बुखार और दस्त होने के कारण पैनीकला गांव निवासी प्रदीप पासवान का 20 वर्षीय पुत्र विक्रम कुमार की मौत एक निजी अस्पताल में हो गई थी. इसकी पुष्टि खुद चिकित्सकों ने की. जिसके बाद परिजन एंबुलेंस की मदद से बुधवार की सुबह 7 बजे शव को पैनीकला गांव लाया. इस दौरान परिजन 7 घंटे तक यीशु प्रभु की प्रार्थना और दूसरे तरीके से युवक को फिर से जीवित करने की कोशिश करते रहे. मृतक की मां ने किसी को रोने तक नहीं दिया. इतना ही नहीं मृतक के परिजन पादरी के पास बिहार के डोभी ले जाने की तैयारी कर रहे थे. आखिरकार किसी का प्रार्थना काम नहीं आया. बाद में परिजन थक गए तो उन्हें स्थानीय मुखिया, पुलिस और ग्रामीणों ने समझा-बुझा कर अंतिम संस्कार करवाया.
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