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रांची/डेस्क: हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला रक्षाबंधन का पर्व इस बार 9 अगस्त को पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा. इस खास दिन पर ज्योतिषीय दृष्टि से भी कई शुभ और दुर्लभ योगों का संयोग बन रहा है, जो कुछ राशियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है.
इस बार रक्षाबंधन पर गजलक्ष्मी, नवपंचम, समसप्तक और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे कई प्रभावशाली योगों का निर्माण हो रहा है. साथ ही, नवग्रहों में सबसे शक्तिशाली माने जाने वाले शनि ग्रह, मंगल के साथ मिलकर प्रतियुति योग बना रहे हैं. इस खगोलीय संयोग का प्रभाव विशेष रूप से तीन राशियों तुला, मीन और मेष पर देखने को मिलेगा. इन राशियों के जातकों को धन, करियर, यात्रा और व्यक्तिगत जीवन में शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं.
विशेष योगों का समय:
नवपंचम राजयोग: 9 अगस्त को सुबह 12:10 बजे, जब मंगल और अरुण एक-दूसरे से 120 डिग्री पर होंगे.
प्रतियुति योग: 9 अगस्त को सुबह 8:18 बजे, जब मंगल और शनि 180 डिग्री पर होंगे.
तुला राशि (Libra)
- शनि-मंगल का प्रतियुति योग तुला राशि के जातकों के लिए सफलता के नए रास्ते खोल सकता है.
- मंगल आपकी राशि के 12वें भाव में स्थित होंगे, जो विदेश यात्रा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश के लिए शुभ संकेत हैं.
- व्यापार में नया विस्तार हो सकता है और विदेश में नौकरी या शिक्षा से जुड़े अवसर मिल सकते हैं.
- साथ ही, धार्मिक यात्राओं और तीर्थ स्थलों की यात्रा के योग भी बन रहे हैं.
- निवेश के इच्छुक जातकों के लिए यह समय उत्तम है.
मीन राशि (Pisces)
- इस राशि में शनि लग्न भाव में वक्री अवस्था में स्थित हैं, और साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है.
- रक्षाबंधन पर बनने वाले योग मेहनत का फल दिला सकते हैं.
- नौकरी, व्यापार, बच्चों की पढ़ाई और आर्थिक मामलों में लाभ के योग बन रहे हैं.
- आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और लंबे समय से रुके निर्णय अब आसानी से लिए जा सकेंगे.
- सोशल मीडिया या डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से जुड़े व्यवसाय में भी सफलता के संकेत हैं.
- नई शुरुआत के लिए बेहद अनुकूल समय है.
मेष राशि (Aries)
- मंगल छठे भाव में स्थित होंगे और शनि की दृष्टि में रहेंगे.
- यह योग करियर में उन्नति, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आयात-निर्यात से लाभ के अवसर ला सकता है.
- शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है, फिर भी ग्रहों का यह संयोग शुभ फल दे सकता है.
- अटके हुए कार्य पूरे होंगे और परिश्रम का उचित फल मिलेगा.
- भाग्य प्रबल रहेगा और यात्रा के योग भी बनेंगे.