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रांची/डेस्क: श्रावण मास का समापन रक्षा बंधन के पवित्र त्यौहार के साथ होता है. इस बार 9 अगस्त को पूरे देश में रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े धूमधाम के साथ मनाया जायेगा. रक्षा बंधन भाई-बहन का पवित्र त्यौहार है. इस दिन बहनें भाइयों के हाथ में रक्षा सूत्र बांधती हैं, बदले में अपने भाई से जीवन भर अपनी रक्षा का वचन लेती है.
रक्षाबंधन के रस्मों की बात करें तो बहनें भाई को तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और फिर उसकी कलाई पर रक्षा बंधन या फिर रक्षा सूत्र बंधती हैं. पर क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि आखिर दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र क्यों बांधा जाता है?
पहली बात तो यह कि दाहिन हाथ से काम करने को शुभ माना जाता है. भारतीय संस्कारों में जितने भी शुभ काम किये जाते हैं वह दाहिने हाथ से ही किये जाते हैं . शास्त्रों के अनुसार भी दाहिने हाथ से काम करने को शुभ माना गया है. इस वजह से रक्षासूत्र को दाहिने हाथ में बांधा जाता है। यह सिर्फ रक्षा बंधन के लिए ही नहीं है, पूजा-पाठ के दौरान पंडित जी भी दाहिने हाथ में ही रक्षा सूत्र बांधते हैं. हालांकि महिलाओं के मामले में रक्षा सूत्र बांधने का नियम अलग होता है. चूंकि महिलाएं पुरुष की वामांगी होती हैं, इसलिए उनके बाये हाथ में ही रक्षा सूत्र बांधा जाता है. महिलाएं शेष शुभ काम दाहिने हाथ से ही करती हैं.