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रांची/डेस्क:देश में लगता है इस समय 'सफाई' अभियान चल रहा है. आपको तो पता ही है कि बिहार में इस समय चुनाव आयोग मतदाता सूची को 'पवित्र' करने के अभियान में जुटी है. 100-200 या 1000-2000 नहीं, बल्कि लाखों की संख्या में ऐसे मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में पाये गये हैं, जो या तो अब बिहार में रहते ही नहीं है, या फिर अब इस दुनिया में ही नहीं है. खैर, यह तो बिहार चुनाव की बात हुई. भारतीय रेलवे ने भी ऐसा ही 'शुद्धीकरण' अभियान छेड़ रखा है. इस अभियान का नतीजा यह है कि उसने 2.5 करोड़ से ज्यादा आईआरसीटीसी यूजर की आईडी बंद कर दी है. रेलवे रेल टिकट बुकिंग में बड़े पैमाने पर चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ऐसा किया है. अभी हाल में ही रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर नियम बनाया है कि बिना आधार लिंक के आईआरसीटीसी की साइट पर कोई आईडी नहीं बना पायेगा. साथ ही तत्काल टिकट बुकिल के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल पर अब ओटीपी भी आयेगा. इसके बाद ही तत्काल टिकट की बुकिंग हो पायेगी. इतना ही नहीं कन्फर्फ होने वाले बर्थ की संख्या भी रेलवे ने बढ़ा दी है.
संसद में रेलवे से जुड़े एक सवाल पर सरकार ने जानकारी दी है कि देश भर में 2.5 करोड़ आईआरसीटीसी यूजर की आडी को डिसएक्टिवेट कर दिया गया है. यह सवाल संसद में सांसद एडी सिंह के उठाया था. सरकार ने संसद में बताया कि जब इन आईडी की एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स की गयी तो से पता चला है कि इन यूजर्स का बुकिंग पैटर्न एक जैसा था, जो यह बताता है कि ये यूजर्स आम यूजर्स नहीं है. इसलिए सरकार ने टिकट बुकिंग में धोखाधड़ी रोकने के लिए इन यूजर्स की आईडी बंद कर दी है.
भारतीय रेलवे ने टिकट फर्जीवाड़े के लिए उठाये हैं कौन-कौन से कदम?
भारतीय रेलवे ने इसी जुलाई महीने से तत्काल टिकट को आधार ऑथेंटिकेटेड बना दिया है. अब वही यूजर्स आईआरसीटीसी वेबसाइट या एप के जरिए बुक कर सकते हैं जो आईआरसीटीसी के अधिकृत यूजर्स हैं
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