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रांची/डेस्क: तमिलनाडु के ऐतिहासिक गंगईकोंडाचोलपुरम की धरती पर इतिहास दोहराया गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्राट राजेंद्र चोल-I के नौसैनिक विजय के 1000 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 1000 रुपये का विशेष स्मारक सिक्का जारी किया. यह सिक्का न सिर्फ एक ऐतिहासिक प्रतीक है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता हैं.
सिक्के की डिजाइन गंगईकोंडाचोलपुरम विकास परिषद ट्रस्ट के अध्यक्ष आर कोमागन ने तैयार की, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दी. सिक्के के पिछले हिस्से पर घोड़े पर सवार सम्राट की छवि उकेरी गई है और बैकग्राउंड में समुद्री जहाज की झलक दिखती है, जो चोल सम्राट के समुद्री साम्राज्य का प्रतीक हैं. इस भव्य अवसर पर पीएम मोदी के साथ मंच पर तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारासु, परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर और वीसीके नेता थोल थिरुमावलवन जैसे वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे.
हालांकि यह सिक्का आम जनता के लिए चलन में नहीं आएगा. यह एक स्मारक सिक्का है जिसे केवल संग्रह के उद्देश्य से जारी किया गया हैं.आरबीआई समय-समय पर इस तरह के स्मृति सिक्के खास मौकों पर जारी करता रहा हैं. गौरतलब है कि इससे पहले साल 2010 में भी आरबीआई ने 1000 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया था, जब तंजावुर स्थित वृहदीश्वर मंदिर के 1000 साल पूरे हुए थे.