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रांची/डेस्क: भारतीय सेना में अग्निवीर और नियमित कैडरों की भर्ती के लिए महाराष्ट्र के नागपुर में 3 से 13 सितंबर तक भर्ती रैली आयोजित की जाएगी. यह भर्ती रैली नागपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर कैम्पटी छावनी में होगी. खास बात यह है कि इस दौड़ में अग्निवीरों के साथ-साथ पंडित, पादरी, मौलवी, ग्रंथी और बौद्ध भिक्षु भी हिस्सा लेंगे.
धार्मिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया
इस भर्ती रैली में धार्मिक शिक्षकों (RT-JCO) के लिए भी चयन होगा. मौलवी और अन्य उम्मीदवार 1 मील की दौड़ सहित शारीरिक परीक्षणों में भाग लेंगे. इसके बाद दिल्ली में उनकी धार्मिक दक्षता का मूल्यांकन किया जाएगा. चयनित उम्मीदवारों को धार्मिक शिक्षक-जूनियर कमीशन अधिकारी (RT-JCO) के पद पर नियुक्त किया जाएगा. यह सेना का स्थायी पद है, जबकि अग्निवीरों का कार्यकाल चार साल का होता है और उनमें से केवल 25% को स्थायी तौर पर नियुक्त किया जाता है.
सेना में धार्मिक शिक्षकों की भूमिका
सेना अधिकारियों के मुताबिक, धार्मिक शिक्षक ऐतिहासिक रूप से बटालियनों में आध्यात्मिक मार्गदर्शन और नैतिक समर्थन प्रदान करते हैं. युद्ध के समय वे सैनिकों की भूमिका निभाने के साथ-साथ युद्ध क्षेत्र में अनुष्ठान और प्रार्थना सभा जैसे कार्य भी करते हैं.
उम्र सीमा और शारीरिक मानक
धार्मिक शिक्षक पद के लिए उम्मीदवारों की आयु सीमा 19 से 34 वर्ष रखी गई है. चयन प्रक्रिया के तहत उन्हें सबसे पहले 8 मिनट से कम समय में 1.6 किलोमीटर की दूरी पूरी करनी होगी. इसके बाद ही वे चिन-अप्स, लंबी और ऊंची कूद जैसे अन्य शारीरिक परीक्षणों के लिए पात्र होंगे. नागपुर स्थित सेना भर्ती कार्यालय (ARO) केवल शारीरिक परीक्षण और योग्यता जांच करेगा. इसके बाद दिल्ली में उम्मीदवारों के संबंधित धर्मों के ज्ञान का परीक्षण होगा.
ऐतिहासिक पद
अधिकारियों का कहना है कि RT-JCO जैसे पद सेना में शुरुआती दौर से ही मौजूद हैं. समय-समय पर इन पदों पर भर्ती होती रहती है, हालांकि नागपुर में लंबे समय बाद इस तरह की भर्ती रैली आयोजित की जा रही है.
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