न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- शरीर के दूसरे हिस्सों की तुलना में प्रायवेट पार्ट थोड़ा ज्यादा काला नजर आता है. इससे कई लोगों को परेशनियों का भा सामना करना पड़ता है. खासकर महिलाएं इससे ज्यादा परेशान रहती है. जिसके लिए सोसाईटी अलग से ब्यूटी स्टैंडर्ड सेट कर रखी है. वो सबसे पहला शिकार होती हैं. इसके लिए तरह तरह की क्रीम, लोशन व होम रेमेडीज का इश्तेमाल करना शुरु कर दिया जाता है. कई लोग तो अपने पार्टनर के सामने थोड़ा असहज महसूस करते हैं, कई मामलों में तो इंटिमेसी भी अवाईड किया जाता है. लेकिन सोचने वाली बात है कि क्या ये इतनी बड़ी समस्या है या फिर नार्मल है. या फिर इसे कुछ ज्यादा ही हवा बना दी गई है.
डॉ मनन कहते हैं कि अगर आपका प्रायवेट पार्ट शरीर के किसी दूसरी हिस्सों से डार्क है तो इसका कतई मतलब नहीं है कि आप साफ सफाई पर ध्यान नहीं रखते. प्रायवेट पार्ट का कालापन आम बात है, खासतौर पर ये फ्रिक्शन, हार्मोंस और नेचुरल पिगमेंटेशन की वजह से होता है. ऐसे में आपको बिल्कुल भी अपने प्रायवेट पार्ट के कलर को लेकर असहज महसूस करने की जरुरत नहीं है. डॉक्टर ने बताया कि ऑनलाइन फिल्टर्ड फोटोज की वजह से होता है और सबको लगता है कि हमारी भी बॉडी ऐसी ही होनी चाहिए. जबकि ये सिर्फ झुठ है.
इसी बात का फायदा उठाती हैं कंपनियां
डॉ मेनन कहते हैं कि असहजता का फायदा उठाते हुए कंपनियां मुनाफा कमाती है. मार्केट में तमाम तरह के क्रीम, लोशन व साबु मिलते हैं, जो प्रायवेट पार्ट को गोरा करने की दावा करती है. असल में इन चीजों की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है. इनमें खतरनाक तरह के केमिकल्स भी मिले होते हैं. जो प्रायवेट पार्ट के सेंसेटिव स्कीन को नुकसान भी पहुंचा सकती है.