झारखंड » हजारीबागPosted at: नवम्बर 30, 2024 ऑनलाइन कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी प्रस्तुति से बांधा समां
रिश्वतें खाकर जी रहे हैं लोग, रोटियों का अकाल है साहब..

प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: दिव्य ग्रंथ अध्ययन केन्द्र द्वारा संचालित कवि गोष्ठी कार्यक्रम अपने निर्धारित समय से गूगल मीट पर ऑनलाइन संपन्न हुआ. कोडरमा से पीयूष पाणी ने मंच का संचालन किया. अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने मां अंजना की गोद मिली तो, बबुआ हनुमान बनी... की प्रस्तुति की. हजारीबाग के केरेडारी स्थित कंडाबेर निवासी दिवाकर पाठक ने हमारा प्यारा भारत... की प्रस्तुति की. कोडरमा से गिरधर क्या कम हूं, 21 वीं सदी का विद्यार्थी हूं... की प्रस्तुति की. जमशेदपुर से श्यामल सुमन ने तुम गीतों के सौदागर हो, हम गीतों में जीते हैं... की प्रस्तुति की. जमशेदपुर से क्षमा श्री ने जेबें अपने भरने वाले, देश को क्या बचाएंगे... की प्रस्तुति की. जमशेदपुर में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर राजीव ने रिश्वतें खा के जी रहे हैं लोग, रोटियों का अकाल है ...की प्रस्तुति की. जमशेदपुर से चावला ने हर सुबह एक नया तराना है ...की प्रस्तुति की. जमशेदपुर से मंजू ने सामाजिक रूप रेखा... की प्रस्तुति की. छत्तीसगढ़ से सीमा ने अंधेरों की डगर पर, एक किरण ला कर के तो देखो... की प्रस्तुति की. कोडरमा से ओमप्रकाश, हजारीबाग से श्याम किशोर मिश्रा, जमशेदपुर से बालकृष्ण, जामताड़ा से उज्ज्वल मिश्र. देश के विभिन्न हिस्सों से कवियों ने भाग लेकर अपने अनोखे अंदाज में अपनी प्रस्तुति कर सबों के मन-मंदिर को आनंद रस से सराबोर कर दिया. कार्यक्रम का विराम कोडरमा से पीयूष पाणि ने किया. उन्होंने हास्य रचना की प्रस्तुति से सभी को लोटपोट कर दिया.