प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: बढ़ती हुई जनसंख्या, बढ़ते अपराध के कारण हजारीबाग जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार के पास एक प्रस्ताव भेजा गया था, की पेलावल ओपी के बढ़ते कार्य क्षेत्र को देखते हुए पेलावल ओपी को थाना बनाया जाय. सूचना है की प्रस्ताव भेजे हुए एक दशक बितने के बाद भी पेलावल को अभी तक थाना का दर्जा नहीं मिला है. जबकि पेलावल ओपी क्षेत्र में सात पंचायत शामिल हैं. इसकी आबादी एक लाख से अधिक है. इस ओपी क्षेत्र में अपराध की घटनाएं अक्सर घटती रहती है. नशाखोरी के क्षेत्र में पेलावल आज अव्वल है. इसे काबू पाने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल को होना आवश्यक है. लेकिन पेलावल ओपी रहने के कारण यहां पर पुलिस पदाधिकारी और जवानों की कमी बनी रहती है.
यही कारण है कि वर्ष 2007 में पेलावल ओपी के समक्ष उपद्रवियों ने जिला प्रशासन, पेंथर पुलिस जवान और पत्रकार सहित कई वाहनों को जला दिया था. कहा जा रहा है की वर्ष 1983 में स्थापित पेलावल ओपी के पास आज भी रहने के लिए सुव्यवस्थित भवन तक नहीं है. इस संबंध मे लोगो का कहना है की हजारीबाग शहर मुख्यालय से सटे होने के कारण इस क्षेत्र में अपराध की घटनाएं अक्सर घटती रहती है. ओपी क्षेत्र होने कारण यहां जितना पुलिस पदाधिकारी और जवान चाहिए उतना यहां व्यवस्था नहीं है. आज के दिन भी इस क्षेत्र में अपराध होने पर केश दर्ज करने के लिए कटकमसांडी थाना का सहारा लेना पड़ता है. कटकमसांडी थाना में जब तक कांड संख्या पेलावल पुलिस को नहीं मिल जाता तब तक कार्रवाई धीमी रहती है. पेलावल ओपी को थाना बनाना आवश्यक है. उक्त मामले में पूछे जाने पर वर्तमान ओपी प्रभारी वेद प्रकाश पांडेय ने कहा की पेलावल को थाना का दर्जा मिलने से इस क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी. अपराध की घटनाओं में भी कमी आयेगी.