प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
चतरा/डेस्क: टंडवा स्थित वनांचल महाविद्यालय में तुलसी दास की प्रासंगिकता विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ. एनएसएस द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम में क्रमशः रूपा कुमारी ने तुलसी के काव्य में दलित चेतना, प्रतिमा कुमारी ने मानस में भ्रातृ-प्रेम, शैली प्रभा ने तुलसी की जीवनी, सुधा कुमारी ने जनमानस में नारी का महत्व विषय पर अपना-अपना आलेख पाठ किया. इन्हें महाविद्यालय में एनएसएस की ओर से रामचरितमानस, हनुमान बाहुक एवं हनुमान चालीसा देकर पुरष्कृत किया गया. हिंदी विभाग के अध्यापक एवं एनएसएस के पीओ डॉ. प्रमोद कुमार पाठक ने तुलसी की प्रासंगिकता का वर्णन करते हुए तुलसीदास को महान समन्वयवादी बताया. उन्होंने तुलसी साहित्य में सामंत-विरोधी प्रसंगों का भी जिक्र किया. प्रो. नवल किशोर प्रसाद ने तुलसी के जीवन-दर्शन पर चर्चा की. डॉ. अनिल कुमार ने तुलसी की परेशानी, गरीबी के बावजूद भक्ति की प्रगाढ़ता पर वर्णन किया. उन्होंने आगे कहा कि उतनी विपन्नता, परेशानी और जीवन के अंत काल में दारुण बाहू की पीड़ा के बाद भी उन्हें अपने आराध्य से कोई शिकायत नहीं थी. प्रो. अशोक कुमार, प्रो. अंसार उल हक ने भी तुलसी की मयार्दावादी विचारों पर मानस के पद्म पढ़कर प्रस्तुत की. प्रो. बिगुल प्रसाद ने कहा कि तुलसी का अवतरण ऐसे समय में हुआ, जब भारत में भाषागत एवं सांस्कृतिक संक्रमण चरम पर था. उन्होंने मानस की रचना कर विश्रृंखलित होती हुई सनातन संस्कृति को बचाया. बोल-चाल की भाषा ठेठ अवधी में रामचरितमानस लिखकर लोगों को अपने धर्म की विशेषता से अवगत कराया. प्रो. मनोहर चौबे ने रामचरितमानस के काव्यत्व और उसके उपजीव्य काव्य पर चर्चा की. डॉ. संजय नारायण दास ने तुलसीदास को महान भक्त, महान कवि, प्रगतिशील साहित्यकार, महान देशभक्त एवं महान समन्वयवादी बताया. अंत में महाविद्यालय के शासी निकाय के सचिव अक्षयवट पांडेय ने तुलसीदास की अमर रचना के संदर्भ में बताया कि तुलसी वर्ण-भेद एवं छुआ-छूत के प्रबल विरोधी थे. उन्हें निषाद, भीलनी माता शबरी, केवट के साथ-साथ मानवेतर प्रणियों, जैसे गिद्ध, बानर, भालू आदि से अपार श्रद्धा और प्रेम था. संगोष्ठी में डॉ. सरोज कुमार तिवारी, प्रो. मनोज कुमार सिन्हां, प्रो. मनोज कुमार पांडेय, प्रो. प्रतिमा शरण, प्रफुल्ल कुमार पांडेय, छोटन राम, विजय राम, युगेश्वर रजक, नीलम कुमारी, बालकृष्ण आदि के साथ छात्र एवं छात्राएं उपस्थिति थे.
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