अरुण कुमार यादव/न्यूज 11 भारत
गढ़वा/डेस्क: मंडल डैम परियोजना को लेकर झारखंड की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है. झामुमो मिडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने सांसद विष्णु दयाल राम पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे जनहित की बजाय ग़लत दिशा में प्रयासरत हैं. मंडल डैम से पलामू को जितना लाभ नहीं है, उससे कहीं ज्यादा नुकसान होगा. यह सिर्फ एक कागजी विकास की कहानी है,जिसकी असली कीमत पलामू के ग्रामीणों, किसानों और वन्य जीवों को चुकाना पड़ेगा.
ऐसे में सवाल उठता है कि यहाँ के लोगों को क्या मिलेगा? क्या हम सिर्फ़ विस्थापन और पर्यावरणीय क्षति झेलने के लिए हैं?उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों की बात न तो सुनी जा रही है और न ही उनकी सहमति ली जा रही है.सांसद विष्णु दयाल राम यहां के सैकड़ों परिवारों को उजाड़ने जंगल काटने और वन्यजीवों के लिए खतरा उत्पन्न करने की तैयारी में है. नुक़सान का अवलोकन, पुनर्वास और मुआवज़ा नीति स्पष्ट किए बिना इस दिशा में कदम बढ़ाना घातक साबित हो सकता है.धीरज दुबे ने सांसद विष्णु दयाल राम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार के दबाव में मंडल डैम को ज़बरन थोपने का काम कर रहे हैं. वे पलामू की जनता की आवाज़ नहीं, बल्कि सत्ता की वाहवाही बटोरने के लिए प्रयासरत हैं.
मंडल डैम का निर्माण पलामू टाइगर रिजर्व के पास हो रहा है, जिससे वहां की जैवविविधता पर सीधा असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि विकास का मतलब केवल डैम बनाना नहीं, बल्कि लोगों को साथ लेकर चलना है.मंडल डैम परियोजना झारखंड में एक राजनीतिक और सामाजिक बहस का विषय बन चुकी है. यदि सरकार और जनप्रतिनिधि इस दिशा में पारदर्शिता, संवाद और संतुलन नहीं लाते, तो यह परियोजना आने वाले समय में संघर्ष का कारण बन सकती है.विकास जरूरी है लेकिन उस विकास की कीमत अगर जनता का विस्थापन, पर्यावरण की तबाही और संसाधनों की छीना-झपटी है तो सवाल उठना लाज़मी है.
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