आशिष शास्त्री/न्यूज 11 भारत
सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा वन विभाग द्वारा हाथी प्रभावितों के बीच मुआवजा वितरण कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाए जाने पर सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा ने वन विभाग पर नाराज़गी जताई है. विधायक ने कहा कि वन विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में किसी भी स्थानीय जनप्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया. जबकि परंपरा रही है कि ऐसे कार्यक्रमों में विधायक और पंचायत प्रतिनिधियों की मौजूदगी रहती है तथा उनके माध्यम से ही लाभुकों को राशि वितरित की जाती है. विधायक ने इसे जनप्रतिनिधियों का अपमान बताते हुए कहा कि उनकी अनुपस्थिति से वितरण प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल उठता है. उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार जिले में जनप्रतिनिधियों को ऐसे कार्यक्रमों की सूचना तक नहीं दी जाती है. जो नियम विरुद्ध है. इस पर जल्द सुधार हो. विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि यह परंपरा रही है कि ऐसे मौकों पर स्थानीय विधायक और पंचायत प्रतिनिधियों को बुलाया जाता है तथा उन्हीं के हाथों से लाभुकों के बीच राशि वितरित की जाती रही है. इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहती है, बल्कि ग्रामीणों का भरोसा भी मजबूत होता है. विधायक ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों ने परंपरा की अनदेखी कर जनप्रतिनिधियों को दरकिनार किया. यह रवैया लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए उचित नहीं है.
गौरतलब है कि सिमडेगा वन क्षेत्र प्रमंडल कार्यालय परिसर में हाथी प्रभावितों के बीच विभाग के अधिकारियों द्वारा मुआवजा राशि का वितरण किया गया. इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न क्षेत्रों से आए 28 हाथी प्रभावित ग्रामीणों को कुल 2,79,580 रुपये का मुआवजा दिया गया. वहीं दूसरी ओर कुरडेग वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों के हाथी प्रभावित ग्रामीणों और मृतक आश्रित परिवारों को कुल 9,43,658 रुपये की मुआवजा राशि प्रदान की गई. इसमें घर टूटने, फसल नुकसान और हाथियों के हमले में जान गंवाने वाले परिवारों को अलग-अलग श्रेणियों में भुगतान किया गया. इस कार्यक्रम में स्थानीय जिला परिषद, प्रमुख, उप प्रमुख, बीस सूत्री सदस्य, मुखिया सहित अन्य कोई भी एक भी जनप्रतिनिधि उपस्थित नहीं थे.