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रांची/डेस्क: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी जिलों की सीमा पर माओवादियों की बड़ी साजिश को सुरक्षा बलों ने समय रहते नाकाम कर दिया है. सुरक्षाबलों ने एक संयुक्त अभियान के दौरान जंगलों में छिपाकर रखे गए 18 शक्तिशाली आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद कर उन्हें मौके पर ही निष्क्रिय कर दिया.
सूचना के आधार पर शुरू हुआ था सर्च ऑपरेशन
चाईबासा के पुलिस अधीक्षक को 8 जुलाई को गुप्त सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, अजय महतो, अश्विन, जयकांत समेत कई अन्य उग्रवादी अपने दस्ते के साथ सारंडा और कोल्हान के जंगलों में विध्वंसक गतिविधियों की तैयारी में हैं. बताया गया कि इन नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के इरादे से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जंगलों में छिपा रखी है.
संयुक्त बलों का बड़ा अभियान
इस इनपुट के आधार पर चाईबासा और खूंटी पुलिस, झारखंड जगुआर, और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने 9 जुलाई को सघन तलाशी अभियान शुरू किया. सर्च ऑपरेशन के दौरान अड़की थाना क्षेत्र के कोचांग इलाके के जंगली पहाड़ी इलाके में माओवादियों द्वारा छिपाए गए करीब 3-3 किलोग्राम वजनी 18 आईईडी बरामद किए गए.
बम निरोधक दस्ते ने किया मौके पर निष्क्रिय
बरामद किए गए सभी आईईडी को मौके पर ही बम निरोधक दस्ते की मदद से सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय कर दिया गया. पुलिस ने इसे एक बड़ी कामयाबी करार दिया है, जिससे नक्सलियों की बड़ी साजिश विफल हो गई.
अग्रिम कार्रवाई जारी
पुलिस के मुताबिक नक्सलियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है और जंगलों में अभियान आगे भी जारी रहेगा. सुरक्षा बलों का कहना है कि इस तरह के प्रयासों से नक्सलियों की ताकत को कमजोर करने में मदद मिल रही है.
अभियान में शामिल बल:
चाईबासा पुलिस
खूंटी पुलिस
झारखंड जगुआर
सीआरपीएफ
इस अभियान को माओवादी नेटवर्क के खिलाफ चल रही रणनीतिक कार्रवाई का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे जंगल के इलाकों में उनकी मौजूदगी को खत्म किया जा सके.