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रांची/डेस्क: झारखंड सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को लेकर पार्टी के भीतर ही असंतोष उभर कर सामने आ रहा है. कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने अपने ही मंत्रियों पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया है कि कई मंत्री संगठन के नेताओं, कार्यकर्ताओं, विधायकों, प्रखंड और जिला अध्यक्षों की उपेक्षा कर रहे हैं.
राजेश कच्छप ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कुछ मंत्री खुद को सर्वोच्च समझने लगे हैं. जबकि वे उसी संगठन की बदौलत मंत्री बने हैं, जिसे अब नज़रअंदाज़ कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि कोई टपक कर मंत्री नहीं बना है. संगठन और विधायकों के समर्थन से ही कोई मंत्री बना है, ये बात सभी को समझनी होगी.
मंत्रियों के व्यवहार से कार्यकर्ता नाराज़
राजेश कच्छप ने कहा कि पार्टी के कई विधायक और कार्यकर्ता मंत्रियों के व्यवहार से नाराज़ हैं और यह नाराज़गी अब खुलकर सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि मंत्री बनकर कोई नौकरी नहीं कर रहे हैं. संगठन के लोग मजदूर नहीं हैं, वे पार्टी की रीढ़ हैं और उन्हें तवज्जो मिलनी चाहिए.
चार महीने से नहीं हुई विधायक दल की बैठक
राजेश कच्छप ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि पिछले चार महीनों से कांग्रेस विधायक दल की कोई बैठक नहीं हुई है. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मांग की कि अब से हर महीने विधायकों की बैठक होनी चाहिए, ताकि मुद्दों पर खुलकर चर्चा हो सके. अपने तीखे बयान में उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई मंत्री अपनी हैसियत दिखाने की कोशिश करेगा तो मैं उसे ठेंगा दिखा दूंगा. मुझे किसी का डर नहीं है. उन्होंने दो टूक कहा कि संगठन की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
बैठक में उठेगा मुद्दा
बताया जा रहा है कि बुधवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा होने की संभावना है. पार्टी के अंदर गहराते असंतोष को देखते हुए यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है. राजेश कच्छप के इस बयान के बाद झारखंड कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान और अधिक तेज़ हो सकती है. पार्टी नेतृत्व के लिए यह एक चेतावनी भी है कि संगठन और सरकार के बीच सामंजस्य न बना तो इसका असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है.