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रांची/डेस्क: मन की बात कार्यक्रम में आज झारखंड की विशेष चर्चा हुई. प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-कभी सबसे बड़ा उजाला वहीं से फूटता है, जहाँ अंधेरे ने सबसे ज्यादा डेरा जमाया हो. ऐसा ही एक उदाहरण है झारखंड के गुमला ज़िले का. एक समय था, जब ये इलाका माओवादी हिंसा के लिए जाना जाता था.
बासिया ब्लॉक के गांव वीरान हो रहे थे. लोग डर के साये में जीते थे. रोज़गार की कोई संभावना नज़र नहीं आती थी, ज़मीनें खाली पड़ी थी और नौजवान पलायन कर रहे थे, लेकिन फिर, बदलाव की एक बहुत ही शांत और धैर्य से भरी हुई शुरुआत हुई.
प्रधान ने कहा कि ओमप्रकाश साहू जी नाम के एक युवक ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया. उन्होंने मछली पालन शुरू किया. फिर अपने जैसे कई साथियों को भी इसके लिए प्रेरित किया. उनके इस प्रयास का असर भी हुआ. जो पहले बंदूक थामे हुए थे, अब मछली पकड़ने वाला जाल थाम चुके हैं.