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रांची/डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य तनाव के दौरान तुर्की द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन करना अब तुर्की को भारी पड़ रहा हैं. भारत में तुर्की के उत्पादों और सेवाओं के खिलाफ एक बड़ा बायकॉट अभियान शुरू हो गया है, जो दिन-ब-दिन तेज होता जा रहा हैं. एविएशन, टूरिज्म, एफएमसीजी, कपड़े, फल-सब्जियों से लेकर शिक्षा तक हर सेक्टर में तुर्की को झटका लग रहा हैं. इस बायकॉट से तुर्की को रोजाना हजारों करोड़ का नुकसान होने का अनुमान हैं.
एविएशन सेक्टर में पहला बड़ा झटका
15 मई को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्यूरिटी (BCAS) ने तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवा प्रदाता कंपनी Celebi की सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया. इसके बाद देश के 9 प्रमुख एयरपोर्ट्स ने इस कंपनी से अपने अनुबंध तोड़ दिए. वहीं एयर इंडिया ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अपील की है कि वह इंडिगो और टर्किश एयरलाइंस के बीच लीजिंग टाई-अप को रोकें. इस टाई-अप के तहत टर्किश एयरलाइन्स ने दिल्ली और मुंबई से इस्तांबुल रूट पर इंडिगो के पायलट और क्रू के साथ दो विमान मुहैया कराए हैं.
ट्रैवल इंडस्ट्री में भारी गिरावट
ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी MakeMyTrip के अनुसार, तुर्की और अजरबैजान के लिए बुकिंग में 60% की गिरावट और रद्दीकरण में 250% की बढ़ोतरी देखी गई हैं. अजरबैजान ने भी भारत-पाक संघर्ष के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय यात्रियों ने इन देशों के खिलाफ भावनात्मक रूप से प्रतिक्रिया दी हैं.
चॉकलेट, कॉस्मेटिक्स और एफएमसीजी पर बायकॉट
अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरक संघ, जो देश के 4.5 लाख डिस्ट्रीब्यूटर्स का प्रतिनिधित्व करता है, ने तुर्की के उपभोक्ता उत्पादों को पूर्ण बायकॉट की घोषणा की हैं. इसमें चॉकलेट, वेफ़र, जैम, सिरप, चाय, कॉफ़ी, कुकीज़, केक और अन्य पैकेज्ड सामान शामिल हैं. साथ ही बॉडी वॉश, वेट वाइप्स, स्किनकेयर और कॉस्मेटिक्स जैसे पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स को भी प्रतिबंधित करने का ऐलान किया गया हैं.
कपड़ा बाजार में भी तुर्की को झटका
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स Myntra और Ajio ने तुर्की के ब्रांड Trendyol के कपड़ों की बिक्री रोक दी हैं. मिंत्रा पर अब इस ब्रांड के उत्पाद सर्च करने पर नहीं दिख रहे है और एजियो ने उन्हें Out of Stock कर दिया हैं.
फल और ड्रायफ्रूट्स पर तगड़ा असर
देशभर में तुर्की से आने वाले फलों और सूखे मेवों का विरोध शुरू हो गया हैं. हरिद्वार, प्रयागराज और अन्य जगहों पर व्यापारियों और ग्राहकों ने तुर्की के सेब और अन्य फलों का बहिष्कार करने का ऐलान किया हैं. हिमाचल प्रदेश के सेब किसान भी तुर्की से सेब के आयात पर 100% शुल्क लगाने की मांग कर चुके हैं.
एजुकेशन सेक्टर में भी तुर्की के खिलाफ मोर्चा
भारत की प्रमुख यूनिवर्सिटीज जैसे IIT Bomaby, JNU, जामिया मिलिया इस्लामिया और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज जैसे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय ने तुर्की के साथ चल रहे स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को निलंबित या पूरी तरह बंद कर दिया हैं.