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रांची/डेस्क: भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को हर साल पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ गणेश चतुर्थी मनाई जाती हैं. इस दिन घर-घर में गणपति बप्पा का आगमन होता है और दस दिनों तक चलने वाले गणेश महोत्सव की शुरुआत होती हैं. भक्त भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना कर विशेष विधि-विधान से पूजन करते है और अनंत चतुर्दशी को उन्हें विदाई देते हैं. इस साल यह पर्व खास संयोग में आ रहा हैं.
गणेश चतुर्थी की तिथि और मुहूर्त
साल 2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होकर 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. गणेश पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त 27 अगस्त को 11 बजकर 05 मिनट से 1 बजकर 40 मिनट तक रहेगा.
पूजा विधि
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और घर के पूजा स्थल पर दीप जलाएं. भगवान गणेश की प्रतिमा को लाल वस्त्र पर स्थापित करें. गंगाजल से अभिषेक करें और सिंदूर अर्पित करें. भगवान को दूर्वा घास, फूल और जनेऊ चढ़ाएं. इसके बाद आरती और भोग लगाकर उनकी स्तुति करें.
जरूरी पूजा सामग्री
गणेश प्रतिमा, दूर्वा, जनेऊ, लाल कपड़ा, कलश, नारियल, पंचामृत, पंचमेवा, गंगाजल, रोली, मौली, पुष्प और दीपक.
भोग और मंत्र
गणेश चतुर्थी पर मोदक और लड्डू का भोग विशेष महत्व रखता हैं. भगवान की आराधना के दौरान ऊं गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें.
खास उपाय
मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा में घी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार घी पुष्टिवर्धक और रोगनाशक होता है, जो साधक गणपति को घी अर्पित करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता हैं.