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रांची/डेस्क: हर साल जब अगस्त का महीना आता है, तो एक खास रविवार सभी के चेहरे पर मुस्कान ले आता हैं. दोस्तों से मिलने, गिफ्ट देने, साथ घूमने और यादें ताजा करने का मौका होता हैं. जी हां, बात हो रही है फ्रेंडशिप डे की. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये दिन दो बार क्यों मनाया जाता है? एक बार 30 जुलाई और दूसरी बार अगस्त के पहले रविवार को? आइए जानें इस दोहरी खुशी के पीछे की कहानी.
दुनिया भर में 30 जुलाई, भारत में अगस्त का पहला रविवार क्यों?
फ्रेंडशिप डे की शुरुआत 1950 के दशक में मानी जाती है, जब अमेरिकन कारोबारी जॉयस हॉल ने इस दिन को दोस्तों के सम्मान में मनाने की पहल की. समय के साथ यह आइडिया इतना लोकप्रिय हुआ कि 2011 में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इसे आधिकारिक तौर पर 30 जुलाई को 'अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप डे' के रूप में मान्यता दे दी. संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य था दुनियाभर में दोस्ती, शांति और एकता को बढ़ावा देना. यही वजह है कि 30 जुलाई को दुनिया के कई देशों में यह दिन बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता हैं.
हर साल अगस्त में मनाया जाता है फ्रेंडशिप डे
लेकिन भारत ने इस पर अपनी खास छाप छोड़ी. यहां इसे हर साल अगस्त के पहले रविवार को मनाने का चलन हैं. इसकी वजह भी बड़ी व्यावहारिक है- वीकेंड होने के चलते लोग इस दिन आराम से दोस्तों से मिल सकते है, कहीं घूमने जा सकते है और इस रिश्ते को दिल से सेलिब्रेट कर सकते हैं.
कैसे बनाएं इस दिन को यादगार?
- अपने स्कूल या कॉलेज के दोस्तों को एक कॉल करें और पुराने दिनों की बातें करें.
- फ्रेंडशिप बैंड्स लेकर जाएं और बिना झिझक अपने दोस्तों को पहनाएं.
- किसी पसंदीदा रेस्टोरेंट में साथ बैठकर पुरानी यादों को ताजा करें.
- किसी एडवेंचर पार्क में मस्ती करें या बारिश में भीगते हुए फोटो क्लिक करें.
- दोस्त पास नहीं हैं? कोई बात नहीं, वीडियो कॉल ही काफी है दिल से जुड़ने के लिए.
फ्रेंडशिप डे क्यों है इतना जरूरी?
दोस्ती वो रिश्ता है जो खून का नहीं, दिल का होता हैं. ये हमें बिना शर्त अपनाता है, हमारी खुशियों में शामिल होता है और मुश्किल वक्त में सबसे पहले साथ खड़ा होता हैं. फ्रेंडशिप डे हमें याद दिलाता है कि इस भागती-दौड़ती जिंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे भी है, जिन्हें सिर्फ समय नहीं, दिल भी देना होता हैं.
दो बार फ्रेंडशिप डे मनाने का कारण सिर्फ तारीखें नहीं, बल्कि उन जज़्बातों का इज़हार है जो इस रिश्ते को खास बनाते हैं।. चाहे आप 30 जुलाई को सेलिब्रेट करें या 3 अगस्त को, अहम ये है कि आप अपने दोस्तों को यह एहसास दिलाएं कि वे आपके लिए कितने जरूरी हैं. इस बार जब आप अपने दोस्तों से मिलें, तो एक बात जरूर कहें- "तू है तो सबकुछ है!"