प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:- पगार ओपी थाना क्षेत्र के चट्टीबरियातु कोल माइंस में तीन दिनों से कोयला उत्खनन एवं ट्रासपोटिंग बंद होने से एनटीपीसी के 15 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है. केरेडारी के पगार ओपी थाना क्षेत्र में संचालित एनटीपीसी चट्टीबरियातु कोयला खनन परियोजना को पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव और उनके समर्थकों ने बाधित कर दिया है, जिसके कारण एनटीपीसी सीबी कोल माइंस सहित ट्रांसपोर्टिंग का कार्य तीन दिनों से यानी शुक्रवार से बंद है. बताया जा रहा है कि सोमवार को ऋ त्विक कम्पनी द्वारा सीएचपी माशीन को चालू करवाने का प्रयास भी किया गया तो चालू होने की सूचना मिलते ही पहुंचे पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने ऋत्विक कंपनी के दो अधिकारियों को गाली गलौज करते कार्य को बंद करवा दिया. काही तीन दिनों से माइस वाकपनी के समूद कार्य बंद होने से माइंस के बगल में रोजगार कर रहे लोग भी परेशान हो रहे हैं. उपर से सड़क पर कतारबद्ध सैकड़ों ट्रांसपोर्टिंग वाहन हाइवा खड़ी है. ट्रांसपोर्टिंग बंद होने से वाहन मालिकों को तीन दिन में लगभग 3 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं राज्य सरकार के 3.5 करोड़ का राजस्व क्षति होने की बात कही जा रही है. गौरतलब है कि पूर्व मंत्री द्वारा माइंस बंद करवाने के साथ साथ 2.2 सड़क को काटकर अवरुद्ध कर दिया गया है. इस बाबत योगेंद्र साव का कहना है कि कम्पनी द्वारा मेरे फैक्ट्री को अवैध तरीके से बिना सूचना एवं बिना मुआवजा भुगतान के ध्वस्त किया है. जिस कारण सीबी कोल माइंस का उत्पादन एवं ट्रांसपोर्टिंग बंद कराया है.
क्या है मामला
एनटीपीसी के चट्टीबारियातु कोयला खनन परियोजना के अधिग्रहण क्षेत्र में आ रहे पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की चारदीवारी व फायकले इंट के चिमनी को कम्पनी द्वारा शुक्रवार को दिन लगभग एक बजे सदर एसडीओ के निर्देश पर सीनियर मजिस्ट्रेट सीओ रामरतन कुमार वर्णवाल व जूनियर मजिस्ट्रेट कनीय अभियंता अंकित पांडेय के उपस्थिति में ध्वस्त कर दिया गया था. यह जमीन चट्टीबारियातु और जोरदाग के बीच झुमरी टांड के पास है. इस मामले की सूचना पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को हुआ तो वे अपने बाउंसर व अंगरक्षकों के साथ पहुंचके और फिर ट्रांसपोर्टिंग में लगे हाईवा सहित एक्सवेटर चालकों को लप्पड़-थप्पड़ कर कम्पनी के समूचे कार्य को बंद करवा दिया.
पूरा मामला क्या है
जोरदाग मौजा में गैरमजरूआ खास की खाता 190 प्लॉट 13 रकबा एक एकड़ जोरदाग सह टंडवा निवासी राजदीप साव के नाम जमाबंदी कायम है. वर्ष 2010 में योगेंद्र साव यह जमीन अपने नाम से रजिस्ट्री कराई थी. लेकिन आज तक दाखिल खारिज नहीं कराई गई. कम्पनी द्वारा इनके द्वारा यहां बनाये गए संरचना चिमनी, चारदीवारी व भवन आदि का मापी बिल्डिंग डिवीजन से कराकर मुआवजा निर्धारित किया गया. मुआवजा देने के लिये योगेंद्र साव को बुलाया गया, लेकिन ये जमीन और संरचना का मुआवजा एक साथ मांग रहे थे. जब मुआवजा नही उठाये तब एनटीपीसी इनका मुआवजा ट्रिब्यूनल में डाल दिया. जबकि यहां कम्पनी किसी को भी गैरमजरूआ खास व गैरमजरूआ जंगल झाड़ी का मुआवजा नहीं दे रही है. ऐसे किस्म के जमीन का मुआवजा सीधा राज्य सरकार के खाते में भेज दी गयी है. इस विवाद के बीच कंपनी ने जमीन पर पहुंचकर दखल कब्जे की कार्रवाई कर डाली.