प्रशांत शर्मा/न्यूज 11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: बीती रात चौपारण के बिगहा बाजार के पास हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में पिता–पुत्र की मौत हो गई, जबकि एक अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है. जानकारी के अनुसार रविवार देर रात मोटरसाइकिल और ट्रेलर में जोरदार टक्कर हो गई, जिसमें पिता–पुत्र की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया. इलाज के दौरान मो. जमाल (53 वर्ष) और उनके पुत्र मो. नौशाद (25 वर्ष) की मौत हो गई, वहीं एक अन्य की स्थिति नाजुक बताई जा रही है.
परिजनों ने बताया कि नौशाद बनारस में काम करता था. पिता मो. जमाल अपने एक साथी के साथ उसे चौपारण बस स्टैंड पर बस में बैठाने आ रहे थे. इसी दौरान जीटी रोड से करीब 4 किमी पहले यह दर्दनाक दुर्घटना हो गई.
घटना के बाद मृतकों के परिजन आक्रोशित हो उठे और शव के साथ जीटी रोड (NH-19) चौपारण चतरा मोड़ पर करीब 4 घंटे तक जाम कर दिया. इस दौरान पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला भी मौके पर मौजूद रहे. आखिरकार डीएसपी अजीत कुमार विमल की पहल और आश्वासन के बाद जाम हटाया गया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है. परिजनों की मांग है कि उन्हें न्याय और उचित मुआवजा दिया जाए.
क्या कहते हैं डीएसपी अजीत कुमार विमल
डीएसपी अजीत कुमार विमल ने बताया कि लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत हुई. उनका आरोप था कि गाड़ी को भगा दिया गया, लेकिन उन्हें सच्चाई से अवगत कराया गया कि गाड़ी चालक मौके से भाग गया. मामले में कानून संगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. साथ ही जो सरकारी प्रावधान होगा, उसके तहत मृतक के परिजनों को मदद उपलब्ध कराई जाएगी.”
दोषारोपण नहीं, जिम्मेदारी समझें, जान बचाएँ
सड़क हादसों के बाद अक्सर गुस्सा प्रशासन पर फूटता है और मुआवजे की मांग उठती है. लेकिन यह स्वीकार करना होगा कि अधिकतर दुर्घटनाएँ स्वयं की लापरवाही के कारण होती हैं.
बिना हेलमेट मोटरसाइकिल चलाना, तेज़ रफ्तार और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित हो रहे हैं. ऐसे में हर हादसे का दोष प्रशासन पर डालना उचित नहीं है. प्रशासन अपनी भूमिका निभाता है—जांच, पेट्रोलिंग और राहत पहुँचाना—लेकिन असली जिम्मेदारी वाहन चालकों और सवारियों की है.