न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: मुफ्त की रेवड़ियां बांटने वाले देश में पेंशन भोगियों की कैसी हालत है, यह सरकारी आंकड़े से ही पूरी तरह से स्पष्ट हो जाता है. सरकार ने संसद में एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत देश में जितने भी पेंशन भोगी हैं, उनमें से करीब आधे को हर महीने 1500 रुपये से भी कम पेंशन मिल रही है. श्रम मंत्रालय ने जो आंकड़ा प्रस्तुत किया है उसके अनुसार,31 मार्च 2025 तक कुल 81.5 लाख लोगों को ईपीएस 95 के तहत पेंशन मिल रही है. बता दें कि 2014 में केन्द्र सरकार ने न्यूनतम पेंशन की सीमा 500 रुपये से 1000 रुपये की थी, उसके बाद सेअब तक इसमें किसी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है. जबकि पूरे देश में ईपीएस 95 पेंशन को बढ़ाने के लिए वर्षों से आन्दोलन चल रहा है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी है.
ईपीएस 95 के तहत किसके कितनी मिल रही पेंशन
- 1500 रुपये तक - 50 प्रतिशत
- 4000 रुपये से कम - 96 प्रतिशत
- 6000 रुपये से कम - 99 प्रतिशत
इसका मतलब हुआ कि ईपीएस 95 के तहत पेंशन पाने वाले 99 प्रतिशत लोग 6000 रुपये से कम में अपना जीवन यापन कर रहे हैं. 8.1.5 लोगों में से केवल 53,541 लोगों को ही 6000 रुपये से ज्यादा पेंशन मिलती है.
ट्रेड यूनियनें कर रही न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग
ईपीएस 95 पेंशन को बढ़ाने के लिए पिछले करीब 10 वर्षों से विभिन्न ट्रेड यूनियनें आन्दोलन कर रही हैं. उनका कहना है कि इतनी कम पेंशन में बुजुर्गों का गुजारा कैसे हो सकता है. उनकी मांग है कि न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 9000 रुपये की जाए. इसके अलावा डीए तथा स्वास्थ्य सुविधा की मांग भी यूनियनों द्वारा किया जा रहा है. कुछ ट्रेड यूनियनें न्यूनतम 7500 रुपये पेंशन, डीए और स्वास्थ्य सुविधा की मांग कर रही हैं.
आखिर सरकार की विवशता क्या है?
संसद में तथा अन्य मंचों पर सरकार के द्वारा यह स्पष्ट किया गया है पेंशन बढ़ाना उसके लिए सम्भव नहीं है. सरकार फंड की कमी को आधार बनाकर अपनी विवशता जता चुकी है. लेकिन श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सदन में 2023-24 का जो आंकड़ा प्रस्तुत किया है. उसके आंकड़े भी चौंकाते हैं. शोभा करंदलाजे ने आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्ष 2023-24 में ईपीए 95 के तहत कुल पेंशन भुगतान 23,028 करोड़ रुपये किया गया, जबकि पिछले साल यह रकम 22,113 करोड़ रुपये थी. शोभा करंदलाजे ने साथ ही यह भी बताया कि ईपीएफओ की ब्याज से होने वाली कमाई भी बढ़ी है जो कि अब 58,669 करोड़ रुपये हो गई है. मार्च 2025 तक निष्क्रिय खातों में 10,898 करोड़ रुपये पड़े हैं. यानी सरकार चाहे तो पेंशनभोगियों की पेंशन बढ़ा सकती है. अब देखना है कि 81.5 लाख ईपीएस 95 पेंशन भोगियों को सरकार कोई राहत देती है या नहीं!