न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: संसद से ऑनलाइन गेमिंग विधेयक पारित होने और उसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करते ही यह कानून बन गया. लेकिन इसी के साथ देश के सामने एक बड़ा संकट भी उत्पन्न हो गया. 22 अगस्त को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के 2 दिन बाद ही एक बड़ी चौंकाने वाली बात सामने आयी है. देश जहां रोजगार की भारी कमी है, इस कानून ने लाखों लोगों की नौकरियों पर संकट छा गया है.
ऑनलाइन मनी गेम्स का कारोबार बंद होने के कारण ऐसा हुआ है। यह धंधा भले अवैध था, लेकिन इस धंधे के कारण देशभर में लाखों लोग 'रोजगार' से जुड़े हुए थे. इन मनी ऐप्स की सही-गलत कमाई से ही इनका रोजगार चल रहा था. मगर ऐप्स के बंद होने से इनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.
मनी गेम्स पर अंकुश लगाये जाने की चर्चा तो लम्बे समय से चल रही थी, लेकिन हाल में खत्म हुए मॉनसून सत्र में इसके खिलाफ बिल को जितनी तेजी से लाया गया, उतनी जल्दी यह पारित भी हो गया और कानून भी बन गया. जिसके कारण ऐप्स से जुड़ी कम्पनियों को सम्भलने तक का मौका नहीं मिला. ड्रीम11, MPL, जूपी, पेटीएम फर्स्ट गेम्स, गेम्स24x7, जंगली गेम्स और अड्डा52 जैसी कई कंपनियों को रातोरात अपना कारोबार बंद करना पड़ा, इसी का असर करीब 2 लाख रोजगार पर पड़ा है. विशेषज्ञों के अनुसार, लगभग 2 लाख लोगों को इन मनी गेम्स के कारण रोजगार मिला हुआ था. उधर मनी गेम्स में लगी कम्पनियां वैकल्पिक व्यवसाय के उपाय में लग गयी है. जैसे ड्रीम 11 ने ड्रीम मनी ऐप लॉन्च कर भी दिया है, जिसमें वह एफडी, गोल्ड और एआई आधारित वित्तीय ट्रैकिंग सुविधाएं उपलब्ध करायेगी.
नुकसान तो सरकार का भी हुआ है
मनी गेम्स ऐप्स बंद होने से रोजगार पर तो असर पड़ा ही है, लेकिन नुकसान सरकार का भी हुआ है. इन मनी गेम्स के कारण एक मोटा राजस्व सरकार तक भी पहुंचता था, अनुमान के अनुसार, सरकार को 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स इन कम्पनियों से मिल रहा था. लेकिन अब सरकार को भी सालाना 20,000 करोड़ रुपये के टैक्स का नुकसान हो गया है. लेकिन सरकार ने नेक इरादे से इस बिल को लाया था और आज वह कानून बन गया है. सरकार को भले ही हजारों करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है, लेकिन उससे कई गुणा ज्यादा पैसा उन लोगों का बचेगा जो इन मनी गेम्स के चक्कर में आकर गंवा बैठते थे. सरकार का भी कहना है कि इन गेम्स के चलते लोगों को आर्थिक ही नहीं, मानसिक नुकसान भी हो रहा था. इन गेम्स की लत के कारण कुछ लोगों ने तो आत्महत्या तक कर ली है.