पंकज कुमार/न्यूज11 भारत
गुमला/डेस्कः- घाघरा थाना क्षेत्र धीरे धीरे नशे का हब बनता जा रहा है.कहते हैं कि किसी भी समाज और देश का भविष्य वहां के युवा तय करते हैं लेकिन जब यही हुआ रास्ता भटक कर नशे की चपेट में आ जाए तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि समाज एवं देश का भविष्य किस दिशा में जा रहा है.यह पंक्तियां आज के भटके हुए युवाओं पर बिल्कुल सटीक बैठती है.नशे की लत के कारण आज के युवा अपने परिवार समाज एवं देश का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं साथ ही समय से पहले अपना सेहत बर्बाद कर मौत की तरफ तेजी से बढ़ रहे है.
इनके परिवार को मानसिक एवं आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. घाघरा में इन दिनों छोटे-छोटे स्कूली बच्चे एवं युवा ड्रग्स जैसी घातक नशे की चपेट में तेजी से आ रहे हैं .ड्रग्स की सहज उपलब्धता इन्हें नशे की खाई में तेजी से ले जा रही है.
ड्रग्स तस्करों का एक सुनियोजित एवं सशक्त नेटवर्क स्कूली छात्रों एवं युवाओं को ड्रग्स जैसी नशा का आदि बना रहा है
यह लोग पहले अपने पैसे पर फ्री में पिलाते हैं आदत लग जाने के बाद ये लोग इन्हीं लड़कों से मोटी रकम वसूलते हैं. इनका नेटवर्क इतना मजबूत है कि यह पुलिस से बचने के लिए महिलाएं एवं बच्चों का सहारा ले रहे हैं.बीते दिनों घाघरा पुलिस ने दो अलग-अलग गाड़ियों से दो क्विंटल से ऊपर गांजा बरामद किया था इसके बावजूद भी ड्रग्स का कारोबार घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है .ब्राउन शुगर जैसे जानलेवा ड्रग्स की खेप पड़ोसी जिलों से मांगकर घाघरा एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बेची जा रही है. एक चुटकी ब्राउन शुगर की कीमत लगभग ₹500 है. युवा सही गलत तरीके से पैसा लाकर यह पुड़िया खरीदते हैं .कल जब पीने के लिए पैसा मिलना बंद हो जाएगा तो यही युवा अपनी जरूरतो को पूरी करने के लिए चोरी लूटपाट जैसे संगीन अपराध करने से पीछे नहीं हटेंगे. घाघरा थाना क्षेत्र बना नशे का हब इस मामले में घाघरा पुलिस बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं ऐसा नहीं है कि ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क की जानकारी पुलिस को नहीं है .न जाने पुलिस के साथ क्या मजबूरी है जो इनके ऊपर हाथ डालने से डर रही है. अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो घाघरा भी उड़ता पंजाब होने से नहीं बच पाएगा.