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रांची/डेस्क: सावन मास भगवान शिव को समर्पित होता है, और इस महीने भक्त पूरे मनोभाव से उनकी पूजा करते हैं. सावन का पहला और दूसरा सोमवार बीत चुका है, और आज तीसरे सावन सोमवार का व्रत रखा जा रहा है. सावन का हर दिन विशेष होता है, लेकिन सोमवार को भोलेनाथ की आराधना का विशेष महत्व है, जिससे यह व्रत और भी खास बन जाता है. तीसरे सावन सोमवार का शिवपुराण से गहरा संबंध है, जो इस दिन की मान्यता को और बढ़ाता है. इसके अलावा, आज चंद्रमा, शनि और बुध का सकारात्मक प्रभाव राशियों पर रहेगा.
सावन के तीसरी पर क्या करें
तीसरे सावन सोमवार को महादेव की पूजा पूरे श्रद्धा भाव से करनी चाहिए. इस दिन स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान शिव का स्मरण किया जाता है और व्रत का संकल्प लिया जाता है. पूजा के समय शिव के मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है, विशेष रूप से 'ओम नम: शिवाय' का 108 बार जाप करना फलदायी होता है. इसके साथ ही 'ओम गौरीशंकराय नमः' का जप भी करना चाहिए. शिवलिंग पर जल में मिश्री मिलाकर अभिषेक करना और बेलपत्र, सफेद फूल तथा चावल चढ़ाना भी शुभ होता है. सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करना, आरती करना और पूजा करना लाभकारी होता है.
तीसरे सोमवार करें ये खास उपाएं-
तीसरे सावन सोमवार को मिट्टी से 108 शिवलिंग बनाना चाहिए. इसके बाद, पान के पत्ते पर एक लौंग और इलायची रखकर भगवान शिव को अर्पित करें.
और 'ओम गौरी शंकराय नम:' तथा 'ओम पार्वतीपताय नम:' मंत्रों का 108 बार जाप करें. यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है, जिनके विवाह में देरी हो रही है, और इसके प्रभाव से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.
इस दिन विशेष पौधे लगाने से पितृदोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है. इस दिन तुलसी, पीपल, बरगद, शमी, बेल का पेड़ लगाना शुभ माना गया है. इन पौधों को रोंपने के बाद इनके संरक्षण का संकल्प लें और पूजन करें. इसके साथ पर शिव जी को उनके प्रिय फूल जैसे बेल के फूल, चमेली के पुष्प,धतूरा, कनेर और शमी वृक्ष के फूल चढ़ाये.