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रांची/डेस्क: आज का दिन शिवभक्तों के लिए अत्यंत पावन और सौभाग्यशाली हैं. सावन मास के तीसरे सोमवार को भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नीलकंठ, नटराज और महामृत्युंजय रूप में शिव की आराधना करने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा बरसती हैं.
त्रिनेत्रधारी महादेव ब्रह्मांड के त्रिगुण- सत्व, रज और तम के अधिपति माने जाते हैं. इस सोमवार को एक ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसमें भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश की उपासना भी की जाएगी. सावन सोमवार और विनायक चतुर्थी का यह मेल श्रद्धालुओं के लिए एक शक्तिशाली आध्यात्मिक मिलन का अवसर प्रदान कर रहा हैं.
जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त
आज के दिन जलाभिषेक के लिए विशेष मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 17 मिनट से 4 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. वहीं दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त और शाम 7 बजकर 15 मिनट से रात 8 बजकर 33 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा. इन पवित्र समयों में शिवलिंग पर जल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया हैं.
इसके साथ ही आज रवि योग और शिव योग का भी संयोग बन रहा हैं. रवि योग सुबह 5 बजकर 40 मिनट से शाम 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा, जबकि शिव योग पूरे दिन प्रभावी रहेगा. इस विशेष योग में कभी भी महादेव की पूजा और जलाभिषेक किया जा सकता हैं.
पूजा विधि
पूजन विधि के अनुसार, सुबह या प्रदोष काल में स्नान के बाद नंगे पैर शिव मंदिर जाएं. घर से लोटे में जल भरकर ले जाएं और शिवलिंग पर अर्पित करें. साष्टांग प्रणाम कर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें. दिनभर केवल फलाहार लें और शाम को दोबारा मंत्रों का जाप व आरती करें. व्रत का पारायण अगले दिन अन्न व वस्त्र दान के पश्चात करें.